नेशनल
गद्दारों ने भगत सिंह को भुला दिया : अन्ना
चंडीगढ़ | सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि देश में कुछ गद्दारों ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदानों को भुला दिया है। पंजाब के नवांशहर जिले में भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां में भगत सिंह और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद अन्ना ने कहा कि इन तीनों शहीदों ने जिस दिन देश के लिए अपनी कुर्बानी दी थी, पूरा देश देख रहा था।
अन्ना ने कहा, “पर कुछ गद्दार लोग भूल गए हैं। जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी, उन्हीं को भूल गए।” हालांकि अन्ना ने गद्दारों में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने वर्तमान राजनेताओं के संदर्भ में कहा कि वे केवल सत्ता और पैसे के पीछे दौड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “सत्ता से पैसा, पैसे से सत्ता। इसके पीछे घूम रहे हैं बस।” अन्ना हालांकि आशान्वित दिखे कि कुछ युवाओं को अभी भी इन शहीदों के बलिदान याद हैं और वे उनकी राह पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ युवा पथभ्रष्ट हो गए हैं और कुछ युवा अभी भी उन्हें याद करते हैं।”
अन्ना जालंधर-चंडीगढ़ राजमार्ग से लगे खटकर कलां पहुंचे और वहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी। खटकर कलां भगत सिंह का ननिहाल रहा था। उन्होंने अपने जिंदगी के कुछ साल इस गांव में बिताए थे। इस गांव में उनके नाना का घर है, जिसे भगतसिंह की याद में एक स्मारक और संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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