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अनुशासन से ही चैम्पियन बनते हैं : भारतीय बैडमिंटन अंपायर (साक्षात्कार)

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नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| पिछले 17 वर्षो से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग कर रहे भारत के सीनियर बैडमिंटन अंपायर और पूर्व खिलाड़ी अपिन्दर सभरवाल का मानना है कि चैम्पियन बनने के लिए बच्चों में शुरू से ही अनुशासन का होना बेहद जरूरी है।

सभरवाल 1991 से राष्ट्रीय स्तर पर और 2001 से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग कर रहे हैं। उन्होंने 2001 में ताइवान में हुए जूनियर चीनी ताइपे बैडमिंटन टूर्नामेंट से अपने अंतर्राष्ट्रीय अंपायरिंग करियर की शुरुआत की थी। इससे पहले वह 14 साल तक बैडमिंटन में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और यूनिवर्सिटी स्तर पर चैंम्पियन भी रह चुके हैं।

सभरवाल ने आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने स्कूल स्तर से ही बैडमिंटन की शुरुआत की थी।

उन्होंने कहा, मैंने स्कूल स्तर पर ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। स्कूल में खेल के साथ-साथ आपको अनुशासन में भी रहना पड़ता है और मुझे खुशी है कि मैं इस अनुशासन के कारण ही खेल में 14 साल तक दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर सका।

सभरवाल ने कहा, कुछ चीजें उम्र के साथ ही सही लगती है। मुझे अभी भी इस खेल से बहुत लगाव है। मैंने किसी न किसी रूप में इससे जुड़े रहने का फैसला किया इसलिए खिलाड़ी के बाद अंपायरिंग में आने का फैसला किया। मैंने एम मुरलीधरण, गुरशरण सिंह, अनिल सिंह और सुधाकर जैसे कई सीनियर अंपायरों से अंपायरिंग सीखी है।

बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने टोक्यो ओलम्पिक के लिए हर जोन से बैडमिंटन खिलाड़ी चुनने के लिए कोचों को ट्रेनिंग देने की तैयारी शुरू की थी और सभरवाल इस ट्रेनिंग प्राजेक्ट के मुख्य संयोजक हैं। उनका मानना है कि इस प्राजेक्ट के माध्यम से कोचों को शैक्षिक जानकारी देने के साथ बैडमिंटन कोर्ट में उनकी प्रैक्टिस भी करवाई जाती है।

यह पूछे जाने पर कि वह भविष्य में इन जूनियर बच्चों से क्या उम्मीद रखते हैं, बैडमिंटन अंपायर ने कहा, देश में छिपी प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप अपने आप में एक बहुत अच्छी पहल है। मुझे उम्मीद है कि ऐसे प्रतियोगिताओं से इनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आगे चलकर ये युवा खिलाड़ी और अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने कहा, पीएनबी मेटलाइफ जूनियर चैम्पियनशिप चार साल पहले ही शुरू हुई है, लेकिन अगर ये कुछ और साल पहले शुरू हुई होती तो देश को अब तक और सिंधु और सायना देखने को मिलते। अभी हाल ही में ही नागपुर की मालविका एशियन स्कूल चैम्पियन बनी है, जो यह दिखाता है आने वाले समय में और चैम्पियन निकलेंगे। मुझे पूरा विश्ववास है कि भविष्य में देश को और कई सारे चैम्पियन मिलेंगे।

यह पूछे जाने पर कि फेडरेशन की तरफ से कितना सहयोग मिल रहा है, सभरवाल ने कहा, मुझे खुशी है कि बैडमिंटन फेडरेशन, देश में छिपी प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा, फेडरेशन सिर्फ सीनियर खिलाड़ियों पर ही नहीं बल्कि जूनियर और युवा खिलाड़ियों पर भी ध्यान दे रहा है। उनकी ट्रेनिंग से लेकर हर तरह की मदद उन्हें मुहैया करा रहा है। टोक्यो ओलम्पिक को लेकर फेडरेशन की नीति स्पष्ट है और वह इसी नीति को ध्यान में रखकर अपना काम कर रहा है। मुझे उम्मीद है कि फेडरेशन की मेहनत रंग लाएगी।

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IANS News

टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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