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प्रादेशिक

सामने आया एक और ‘बुराड़ी कांड’, एक ही परिवार के सभी लोगों ने कर ली आत्महत्या

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बुराड़ी कांड

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रांची। झारखंड के हजारीबाग जिले में एक परिवार के छह लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। मृतकों में मुंगा बगीचा इलाके के रहने वाले नरेश माहेश्वरी, उनके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि नरेश ने अपार्टमेंट की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली तो उनके माता-पिता व पत्नी ने सीलिंग फैन से फांसी लगा ली जबकि बच्चों ने गला काटकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से एक खत बरामद हुआ है जिसमें लिखा है कि 50 लाख रुपये के कर्ज की वजह से आत्महत्या की गई है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ”हम मामले की आत्महत्या और हत्या दोनों तरह से जांच कर रहे हैं। फॉरेंसिक टीम मौत के कारणों का पता लगाने के लिए नमूने इकट्ठा कर रही है।” यह घटना 30 जून को दिल्ली में एक परिवार के 11 सदस्यों की फांसी लगाकर आत्महत्या की घटना के बाद सामने आई है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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