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मिशन 2019 : वाराणसी से मोदी के खिलाफ यह नेता लड़ सकता है चुनाव, नाम जानकर हो जाएंगे हैरान

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अपने देश में राजनीति आजकल टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक है। आगामी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तमाम सर्वे सामने आ रहे हैं। 2019 में ऊंट किस करवट बैठेगा यह जानने के लिए हर कोई बेचैन है। आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक चलेगा या महागठबंधन भारी पड़ेगा यह जानना हर कोई चाहता है।

लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए विपक्ष सारी तैयारियां कर रहा है। विपक्ष के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ या उनके विरुद्ध वाराणसी से आखिर कौन चुनाव लड़ेगा।

सूत्रों के अनुसार वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं। दोस्तों सूत्रों की मानें तो विपक्ष के इस फैसले से बीजेपी की बेचैनी बढ़ गयी है।

आपको बता दें कि सोशल मीडिया की खबरों के अनुसार अगर अखिलेश यादव वाराणसी सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यह बीजेपी के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है।

कही ना कहीं अखिलेश यादव के वाराणसी से लड़ने पर पिछड़ा वर्ग बीजेपी से दूर हो सकता है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नही हुई है, अभी सूत्रों के माध्यम से यह जानकारी मिल रही है।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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