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बुराड़ी डेथ मिस्ट्रीः खुल गया मौत का रहस्य, इस शख्स ने ली थी सभी की जान, फिर…

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नई दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले बुराड़ी मर्डर मिस्ट्री को पुलिस ने सॉल्व करने का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साबित हो गया है कि सभी की मौत फंदे से लटककर हुई है। पूरे मामले में पुलिस की अब नई थ्योरी सामने आई है। पुलिस जांच में पाया गया है कि ललित दिमागी रुप से कमजोर था। उसने बड़ पूजा (अनुष्ठान) के बहाने उसने पत्नी के साथ मिलकर सभी की जान ली। सभी को पूजा करने के बहाने फांसी पर लटकाया गया था। रजिस्टर में इसी तरह की बातें लिखी हुई हैं। हालांकि ललित की बहन सुजाता ने इन सब बातों से इंकार किया है। उनका कहना है कि सभी की हत्या की गई है।

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अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ललित के पिता की करीब 12 वर्ष पहले मौत हो गई थी। जिसके बाद ललित मनोरोगी हो गया था। ललित यह दावा करता था कि उसके पिता की आत्मा उसके शरीर में आती है वो जो कहते हैं वह रजिस्टर में वही लिखता है।
आपको बता दें कि ललित साल 2015 से ही रजिस्टर में लिख रहा था। ललित ने रजिस्टर में लिखा कि पिता की आत्मा ने ही उसे बड़ पूजा के लिए बोला था। पूजा वाले दिन ललित ने सभी को बोला था कि घर में 10 से 15 मिनट की बड़ पूजा (अनुष्ठान) होगी।

इस पूजा के तहत सभी के हाथ बांधेंगे और गले में चुन्नियां लटकेंगी। सभी के नीचे स्टूल होगा। ललित ने सभी को बोला था कि वे 10-15 मिनट बाद पूजा खत्म होने के बाद स्टूल हटा सकते हैं और हाथों को खोल सकते हैं। पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि ललित ने पत्नी के साथ मिलकर सभी के नीचे से स्टूल हटा दिए। नौ चुन्नियां नई मंगाई गई थीं।

ललित ने सभी को बताया था कि पूजा में किसको कहां और कैसे खड़ा होना है और गले में चुन्नी डालनी है। पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि ललित ने स्टूल हटाने के बाद पत्नी व मां के साथ खुदकुशी कर ली। बता दें कि ललित पहले बोल नहीं पाता था। तीन पहले उसकी आवाज आ गई थी जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों का विश्वास उसपर ज्यादा बढ़ गया था।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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