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प्रादेशिक

मुस्लिम महिला ने उर्दू में लिखी रामायण, कहा-भगवान राम की अच्छी बातें मुस्लमानों तक भी पहुंचनी चाहिए

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नई दिल्ली। भारत में कुछ सालों में हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की खबरें बढ़ी हैं जिसका बहुत हद तक जिम्मेदार सोशल मीडिया भी है। सोशल मीडिया से फैली अफवाह ही ज्यादातर हिंदू-मुस्लिम एकता के बीच एक दीवार खड़ी करता है। लेकिन भारत की ज्यादातर आबादी अमनचैन से जीने में विश्वास करती है। आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जो हिंदू-मुस्लिम एकता की एक मिसाल बन गई है।

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मुस्लिम महिला ने भगवान राम की रामायण को उर्दू में ट्रांसलेट किया है। ये कार्य करके सांप्रदायिक सौहार्द्र और आपसी भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की है।

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महिला का नाम माही तलत सिद्दीकी है और वह पेशे से डॉक्टर है। माही कहती हैं कि उर्दू में रामायण को ट्रांसलेट करने के पीछे उनका मकसद मुस्लिम समुदाय को भी रामायण की अच्छी बातों के बारे बताना है।

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डॉक्टर माही तलत सिद्दीकी का कहना है कि उर्दू में रामायण को बहुत ही खूबसूरत तरीके से लिखा गया है। सभी धर्मग्रन्थों के पवित्र शब्दों की तरह रामायण भी दुनिया भर के लोगों को शांति और भाईचारे का संदेश देती है।

डॉक्टर माही तलत सिद्दीकी का कहना है कि रामायण को उर्दू में लिखने के बाद उन्‍हें बहुत शांति महसूस हो रही है। उर्दू में रामायण लिखने में माही को डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त लगा। माही ने जो किया है वो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करता है। माही के इस नेक काम के बारे में जो भी जान रहा है उनकी जमकर तारीफ कर रहा है।

 

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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