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अन्तर्राष्ट्रीय

दुनिया का एकलौता देश जहां नहीं बचेगा एक भी मुस्लिम, खत्म हो सकती है पूरी मुस्लिम आबादी

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नई दिल्ली। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह मुसलमानों का है। लगभग हर देश में मुसलमानों की आबादी आंदोलनात्मक संख्या में है। कई देशों में तो केवल मुसलमान आबादी ही है और अन्य धर्म के लोग दयनीय हालत में हैं। लेकिन एक देश ऐसा है जहां मुसलमानों की आबादी लगातार घटती जा रही है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दुनिया का अकेला देश बन जाएगा जहां की मुस्लिम आबादी शून्य होगी।

ये देश है जापान। यहाँ मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से घट रही हैं। जापान और मुसलमानों का रिश्ता कैसा है इसके लिए कुछ तथ्य जान लेते हैं। जापान में मुसलमानों को वहां की नागरिकता नही दी जाती हैं। जापान में मुस्लिमों को किराए पर मकान भी नहीं मिलता हैं। जापान के किसी भी महाविद्यालयों में इस्लामिक भाषा का प्रयोग नही होता हैं। जापान में कहीं भी इस्लामिक भाषा उपयोग में नहीं लाई जाती हैं। जापान में मुसलमान लोग जापानी भाषा के अलावा कोई दूसरी इस्लामिक भाषा नही बोलते हैं। यहाँ मुस्लिम उर्दू भाषा का प्रयोग भी नही कर सकते हैं। यहाँ तक कि जापान में मुस्लिम लोग नमाज़ भी जापानी भाषा में ही पढ़ते हैं। जापान दुनिया का एकमात्र देश हैं जहाँ पर अभी तक कोई मुस्लिम आंतकी संघठन का हमला नही हुआ है।

एक सर्वे के मुताबिक जापान में कुछ वर्ष पहले मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 9.50 लाख थी, लेकिन अभी के समय में जापान में सिर्फ 1.50 लाख ही मुसलमान ही बचे है। इससे यह साफ दिखता है कि जापान में इस्लाम धर्म अब समाप्ति की ओर है और आने कुछ सालों में जापान पूरी तरह से इस्लाम रहित देश हो जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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