नेशनल
सिर्फ 50 हज़ार में बदल जाएगी आपकी किस्मत, इस बिज़नेस में हैं सबसे ज्यादा फायदा
भारत में बिजली की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी नहीं है। आज जिस तरह भयानक गर्मी ने लोगों का जीना हराम किया हुआ है। ऐसे में लोग गर्मी से निजात पाने के लिए इनवर्टर पर डिपेंड हो गए हैं। बिना बैटरी के इन्वर्टर भी सिवाय ‘कबाड़’ के कुछ नहीं। यही नहीं वाहनों में भी बैटरी के उपयोग को नकारा नहीं जा सकता। हम जिस बिजनेस प्लान के बारे में बात करने जा रहे हैं वह इसी बैटरी पर आधारित है।
बिजनेस में संभावना को देखते हुए सरकार प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के तहत इस प्रोजेक्ट़़ को लोन भी देती है। आज हम आपको इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में बताएंगे, ताकि आप इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर लोन लेकर अपना बिजनेस शुरू कर सको।
सरकार के मॉडल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आपके पास लगभग 50 हजार रुपए हैं तो आप बैटरी वाटर प्लांट लगा सकते हैं, क्योंकि इस पूरे प्रोजेक्ट की कॉस्ट 4 लाख 70 हजार रुपए है और प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम के तहत आप लोन भी ले सकते हैं। इस प्रोग्राम के तहत 90 फीसदी लोन केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है।
इक्वीपमेंट ( हॉट एयर ब्लॉवर, प्लास्टिक ड्रम, वाटर लिफ्टिंग पंप, हार्डनेस टेस्टिंग किट, पीएच मीटर, सेमीऑटोमैटिक फिलिंग मशीन, 1 एचपी मोटर, क्वालिटी कंट्रोल इक्वीपमेंट) पर लगभग 2 लाख 25 हजार रुपए का खर्च आएगा। जबकि आपको लगभग 2 लाख 45 हजार रुपए की वर्किंग कैपिटल की जरूरत पड़ेगी। जिससे आपके प्रोजेक्ट कॉस्ट 4 लाख 70 हजार रुपए हो जाएगी।
अगर आप इस प्रोग्राम के तहत लोन लेते हैं तो आपको 25 फीसदी तक सब्सिडी भी मिलती है। शहरी क्षेत्रों में 15 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 25 फीसदी सब्सिडी दी जाती है, जबकि स्पेश्ल कैटेगिरी के लोगों को 25 व 35 फीसदी सब्सिडी दी जाती है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी की टिप्पणी से भारत नाराज, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
-
नेशनल2 days ago
बीजेपी ने तीन राज्यों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट की जारी, PM मोदी, शाह और योगी के नाम शामिल
-
नेशनल23 hours ago
शिवसेना-शिंदे गुट के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, मोदी-शाह समेत कई बड़े नाम शामिल
-
नेशनल22 hours ago
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
-
नेशनल23 hours ago
ईडी ने सुनीता केजरीवाल के रिश्तेदार के घर पर मारा छापा, जानें क्या है मामला
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
-
नेशनल2 days ago
ईडी की कस्टडी में केजरीवाल की तबीयत बिगड़ी, शुगल लेवल 46 तक गिरा