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नेशनल

मोदी के कट्टर विरोधी ओवैसी ने कहा कि, बस एक मामले में करता हूँ मोदी सरकार का समर्थन

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हैदराबाद। देश में एक नेता हैं, जो मोदी सरकार के हर काम-काज पर जमकर भसड़ मचाते रहते हैं। कभी मीडिया में दिए अपने बयानों से, तो कभी मंच से दिए अपने भाषणों से। ये नेता जी हैं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी। जिन्होंने अपने एक बयान से सबको चौंका दिया है, खास कर मोदी जी और भाजपा वालों को। उन्होंने कहा है कि वो मोदी सरकार का आखरी साँस तक विरोध करते रहेंगे, लेकिन जब बात देश की आएगी तब वो मोदी सरकार के साथ है।

ओवैसी ने ये बयान कश्मीर घाटी में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन की बात को सिरे से ख़ारिज करते हुए दिया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “यूएनओ को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने इस रिपोर्ट को मोदी सरकार की राजनैतिक विफलता बताया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “जहां तक बात भारत की संप्रभुता के मामले की है, हमारी पार्टी भारत सरकार का पूरा सपोर्ट करती है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विभाग के हाईकमिश्नर की रिपोर्ट मोदी सरकार की राजनयिक विफलता है।”

हैदराबाद की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में लोगो को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “मैं मोदी सरकार का अपनी आखिरी सांस तक विरोध करता रहूंगा। लेकिन बात जब देश की आएगी, चाहें वो जो भी पार्टी या सरकार हो, मैं उसका सपोर्ट करता रहूँगा।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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