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बच गए आप! जो कंपनी 251 रु. में मोबाइल दे रही थी, उसी कंपनी का डायरेक्टर धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार हो गया
नई दिल्ली। सबसे सस्ता मोबाइल कम्पनी रिंगिंग बेल्स मात्र 251 रुपए में फ्रीडम मोबाइल बेचने वाली के डायरेक्टर मोहित गोयल को कल रात रविवार को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया। खबरों के मुताबिक, उनके कुछ साथियों को भी पकड़ा गया है।
आपको बता दे पिछले साल कंपनी के विवादों का मुद्दा संसद में उठने पर पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी जांच शुरू की थी। इसके बाद रिंगिंग बेल्स के खिलाफ पोंजी स्कैम और धोखाधड़ी की शिकायतें आईं। गाजियाबाद पुलिस ने भी पिछले साल फरवरी में गोयल को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था
फ्रीडम 251 के बारे में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बड़े स्कैम की आशंका जताई और सरकार से मिलीभगत के आरोप भी लगाए थे। जब कम्पनी को लगा की मामला ज्यादा गरम हो तो पर कंपनी ने दावा किया था कि वह जल्द ही अपने ग्राहकों को मोबाइल की डिलेवरी करा देगी। इसके बाद पुलिस और ईडी ने मामले की पड़ताल शुरू की और कंपनी के प्रमोटर अंडरग्राउंड हो गए। इसके बाद रिंगिंग बेल्स के खिलाफ शिकायतों का दौर शुरू हो गया और इसके नोएडा ऑफिस पर ताला लटक गया।
गाजियाबाद के एक डीलर की शिकायत पर पुलिस ने मोहित गोयल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। 24 फरवरी, 2017 को गोयल की गिरफ्तारी हुई थी।
शिकायत में बताया था कि रिंगिंग बेल्स ने नवंबर, 2015 में फ्रीडम 251 के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उन्हें अप्रोच किया। इसके बाद कई मौकों पर कंपनी को 30 लाख रु। दिए, पर सिर्फ 13 लाख का ही माल मिला। बकाया रकम मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गईं।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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