नेशनल
अखिलेश यादव ने कही ऐसी बात, सुनकर बढ़ जाएगी मोदी-शाह की टेंशन!
नई दिल्ली। हाल ही में विपक्ष ने एकजुट होकर नूरपुर और कैराना में बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी। यह दूसरी दफा था जब विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी को हराने में कामयाब रहा था। इससे पहले गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में बीजेपी राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की सीट तक नहीं बचा सकी थी।
यूपी में बीजेपी की सरकार होते हुए भी उपचुनाव में सीट न बचा पाने से फिर से महागठबंधन की सुगबुगाहट शुरु हो गई है। इन उपचुनाव में मिली जीत से लगता है कि विपक्ष को जीत का मंत्र मिल गया। इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद बीजेपी की टेंशन और बढ़ सकती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी में जौराई के मंच से गठबंधन की जमकर वकालत की। उन्होंने इशारों ही इशारों में कह दिया कि जरूरत पड़ी तो समाजवादी लोग त्याग करने में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं को बसपा का सहयोग करने के निर्देश दिए।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पारिवारिक झगड़े के वक्त भाजपा के लोग हमें औरंगजेब कहते थे। आज हमारे साथ ही नेता जी का मकान भी खाली करा दिया। भाजपा के खिलाफ लड़ाई लंबी है।
इस लड़ाई को पुराने लोगों ने यहां तक पहुंचाया है। इस लड़ाई को हमें और नौजवानों को लड़ना है। इसके तहत हमने बसपा से गठबंधन किया है। अखिलेश ने कहा कि अगर दो-चार सीटें ऊपर-नीचे रहीं तो हम समाजवादी लोग त्याग करने में पीछे नहीं हटेंगे।
अखिलेश ने भले ही खुलकर कुछ भी नहीं कहा हो, लेकिन उनका साफ कहना था कि अगर विधानसभा चुनाव में बसपा से सपा की सीटें कम आती हैं और बसपा को समर्थन की जरूरत पड़ी है तो सपाई त्याग कर देंगे।
अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से दो टूक शब्दों में कहा कि हमने गठबंधन ऊपर किया है। वह नीचे स्तर पर बसपा कार्यकर्ताओं का सहयोग करें उनका साथ दें और उनसे गठबंधन करें।
अखिलेश ने दो टूक शब्दों में कहा कि नेताओं को घर में उलझाकर भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव को निकालने की चाल चली है। भाजपाई भूल गए हैं कि सपाई जब मैदान में आएंगे तो भाजपा कहीं नजर नहीं आएगी।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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