Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

नन रेप, चर्च पर हमले के खिलाफ पीएम ने जताई चिंता, संसद में भी सुनाई पड़ी गूंज

Published

on

PMO, parliament-hungama-disturb

Loading

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में नन से गैंगरेप और हरियाणा के चर्च में तोड़-फोड़ की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इन दोनों घटनाओं की रिपोर्ट तलब कर घटना के तथ्यों और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी का ब्योरा मांगा है। वहीं देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में भी गूंजा। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की।

प.बंगाल के नदिया जिले में 71 वर्षीया नन के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हिसार के एक चर्च में तोड़फोड़ होने की घटनाओं पर मंगलवार को पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर खाते पर लिखा गया, “प्रधानमंत्री हरियाणा के हिसार और पश्चिम बंगाल के नदिया में हुई घटनाओं से काफी चिंतित हैं।” इसमें आगे कहा गया, “पीएमओ ने इन घटनाओं के बारे में राज्य सरकारों से तथ्यों और की गई कार्रवाई पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है।”

उल्लेखनीय है कि शनिवार को नादिया जिले में एक 71 साल की नन से गैंगरेप की घटना सामने आई थी। इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है। आरोपियों का सीसीटीवी फुटेज मिला लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक अन्य घटना में हरियाणा के हिसार में निर्माणाधीन चर्च में एक संगठन ने तोड़-फोड़ की थी और क्रॉस हटाकर भगवान हनुमान की प्रतिमा रख दी थी। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है। मामले में हरियाणा पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

लोकसभा में जोरदार तरीके से उठे दोनों मामले

विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में इन दोनों मुद्दों को जोरशोर से उठाया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग जानबूझकर टिप्पणियां कर रहे हैं, जिससे लोगों को पीड़ा पहुंच रही है। हरियाणा के हिसार में एक धार्मिक स्थल पर हमला होता है और प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि धार्मिक स्थल के पास वैध कागजात नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। इस तरह के बयान बार-बार दिए जा रहे हैं। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के पी.वेणुगोपाल ने कहा, “हमारी पार्टी सांप्रदायिक समरसता कायम रखने के लिए खड़ी है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। लोगों को किसी एक धर्म को महिमामंडित करने का काम बंद करना चाहिए। कांग्रेस के एक अन्य नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में 71 वर्षीय एक बुजुर्ग नन से सामूहिक दुष्कर्म का मामला उठाया। मार्क्स वादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद सलीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्य प्रशासन द्वारा आश्वासनों के बावजूद घटना के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस सदस्य सौगत रॉय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वर्तमान में जिस तरह का सांप्रदायिक माहौल बना हुआ है, उसी के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। विपक्ष ने इन मुद्दों को प्रश्नकाल के दौरान भी उठाना चाहा, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी।

बहस बढ़ने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सांसदों को चुप कराते देखी गईं। बाद में सरकार की तरफ से बयान देते हुए वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि कानून-व्यवस्था बरकरार रखना राज्य का मुद्दा है। ऐसी घटना की निंदा होनी चाहिए और केंद्र पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending