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अन्तर्राष्ट्रीय

इस खतरनाक तानाशाह के होटल का बिल कौन देगा, क्या अमेरिका

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इस खतरनाक तानाशाह के के होटल का किराया कौन देगा, क्या अमेरिका सिंगापुर बैठक में एक बेहद गंभीर मुद्दा सामने आ गया है। अमेरिका परेशान कैसे इस मुद्दे का हल करे। उधर उत्तर कोरिया के बड़े नेता भी उलझन में हैं कि ऐसा न हो सारी मेहनत पर पानी फिर जाए और वार्ता टूट जाए। मामला यह है कि खस्ताहाल उत्तर कोरिया के सबसे बड़े नेता किम जोंग उन के होटल का किराया कौन देगा।

डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में होने वाले ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारियों जोरों पर हैं लेकिन इस बीच अमेरिकी अधिकारी इस समस्या का समाधान करने में लगे हुए हैं कि सिंगापुर में किम जोंग के प्रतिनिधिमंडल का होटल खर्च कौन उठाएगा।

द वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था कड़े प्रतिबंधों की वजह से कमजोर हो गई है। उत्तर कोरिया को जरूरत है कि सिंगापुर में सिंगापुर नदी के मुहाने के पास फुलर्टन होटल में उनका खर्च कोई अन्य देश उठाए। इस होटल में एक प्रेजिडेंशियल सुइट की कीमत प्रति रात 6,000 डॉलर से अधिक है।

यह मुद्दा व्हाइट हाउस के उपचीफ ऑफ स्टाफ जो हैगिन और किम जोंग उन के चीफ ऑफ स्टाफ किम चांग सन के नेतृत्व में दोनों पक्षों के बीच अहम है। कई सप्ताह की अनिश्चितता के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह यह वार्ता रद्द कर दी थी लेकिन दोनों पक्षों के राजनयिक प्रयासों से यह वार्ता फिर से पटरी पर आ गई।

सूत्रों ने द पोस्ट को बताया, “जब भी उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के पसंदीदा फाइव स्टार लग्जरी होटल में ठहरने के उनके खर्च की बात आती है तो अमेरिका इसका वहन करने के लिए तैयार है लेकिन प्योंगयांग अमेरिका द्वारा भुगतान करने को अपमान के तौर पर देख सकता है।”

ऐसी स्थिति में अमेरिका मेजबान देश सिंगापुर से उत्तर कोरिया के प्रतिनिधिमंडल का खर्च का भुगतान करने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉअर्ट ने शनिवार को इस संभावना से इनकार नहीं किया कि अमेरिका सिंगापुर के होटल में उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के खर्च का भुगतान करने के लिए सिंगापुर सरकार से कहेगा।

हीथर कहती हैं, “लेकिन वाशिंगटन सिंगापुर में उत्तर कोरिया के प्रतिनिधिमंडल का खर्च नहीं उठाएगा।” (इनपुट आईएएनएस)

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जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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