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पार्क में खेल रहा आपका बच्चा सुरक्षित है या नहीं, इसकी जानकारी देगा ये …

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गूगल इंडिया ने गुरुवार को देश में ‘नेबरली’ एेप शुरू किया है। इस एेप पर लोग अपने आसपास की जानकारी हासिल कर पाएंगे। गूगल इंडिया ने ट्वीट के जरिए कहा, मुंबई में आज बीटा वर्जन शुरू किया गया है।

गूगल के नेक्स्ट बिलियन यूजर टीम के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर जोश वुडवार्ड ने एक बयान में कहा, ” नेबरली के साथ हम गूगल के मिशन को आगे बढ़ाते हुए एक नई पद्धति की तलाश कर रहे हैं, जिससे दुनियाभर की सूचनाओं को संगठित कर रहे हैं, ताकि सूचनाएं आसानी से उपलब्ध हों और उनका उपयोग किया जा सके।

अपने पड़ोसियों को दीजिए अपनी कार का शीशा टूटने की खबर ।

गूगल की ओर से कहा गया कि एेप से लोगों को अपने क्षेत्र की जानकारी आसानी से मिलेगी और वे यह पता कर पाएंगे कि उनके आपपास में बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित पार्क कौन सा है। इसके अलावा बच्चों के लिए निजी ट्यूशन सेंटर की तलाश लोग कर पाएंगे। इसी प्रकार लोग इस एेप के ज़रिए अपने आसपास की अनेक सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं।

एेप पर लोग अपने सवाल टाइप कर या बोलकर जवाब प्राप्त कर सकते हैं। गूगल ने कहा, एेप पर आप अपनी निजी जानकारी दिए बगैर सवाल कर सकते हैं। नेबरली पर आपके सवाल तुरंत आपके सही पड़ोसी के पास पहुंच जाते हैं और वे वापस संबंधित जवाब व सूचनाएं आपको एेप के ज़रिए देते हैं।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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