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अन्तर्राष्ट्रीय

फेसबुक की जिस अदा ने 2014 में मोदी को पीएम बनाया, उसी अदा ने अब उसे बैन भी करा दिया

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नई दिल्ली। आजकल फेसबुक की समस्या बढ़ती ही जा रही है। पहले डेटा लीक और उसके बाद लोगों व कंपनियों का फेसबुक पेज डिलिट करना। अब कंपनी के सामने एक और नई समस्या आ गई है।

पापुआ न्यू गिनी की सरकार फेसबुक को एक महीने के लिए प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है। देश पूरे एक महीने के लिए फेसबुक पर बैन लगा रहा है। दरअसल, पापुआ न्यू गिनी सरकार यूजर्स के व्यवहार समझने और फर्जी खबरों से उन्हें बचाने के लिए फेसबुक को एक महीने के लिए प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संचार मंत्री सैम बासिल ने कहा कि इस प्रतिबंध से पापुआ न्यू गिनी नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट और विभाग यह अध्ययन करने में सक्षम होगा कि यूजर्स द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट का कैसे यूज़ किया जा रहा है।

बासिल ने कहा, ‘इस अवधि के दौरान उन यूजर्स की पहचान की जाएगी और उनके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी, जो फर्जी खाते के पीछे छिपे हैं, जो अश्लील चित्र अपलोड करते हैं और ऐसे यूजर्स जो झूठी व गुमराह करने वाली सूचना फेसबुक पर पोस्ट करते हैं, उन्हें पहचाना जा सकेगा और हटाया जा सकेगा।’

गौरतलब है कि पापुआ न्यू गिनी पहला देश नहीं है जिसने फेसबुक को बैन करने का फैसला किया है। चीन, ईरान और उत्तर कोरिया समेत कई देशों में फेसबुक पहले से ही बैन है।

हालांकि ये पहला मामला है जब किसी देश ने एक निश्चित अवधि के लिए फेसबुक पर बैन लगाया है। इस बारे में फेसबुक के प्रवक्ता ने अभी कोई टिप्पणी नहीं दी है। पापुआ न्यू गिनी सरकार ने ये फैसला साइबर क्राइम को रोकने के लिए लिया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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