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प्रादेशिक

उप्र : 400 लीटर कच्ची शराब बरामद

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बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में एसएसबी और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने नेपाल के सीमावर्ती बलई गांव व नानपारा क्षेत्र के रानीपुर बनकटी में छापेमारी कर करीब 4 सौ लीटर कच्ची दारू बरामद किया। इसके अलावा इसी टीम के साथ आरपीएफ के नानपारा रेलवे स्टेशन के थाना प्रभारी ने नेपालगंज से गोंडा जा रही पैसेंजर ट्रेन से 160 पौव्वा सौफिया नेपाली शराब बरामद की। आबकारी निरीक्षक सुबोध श्रीवास्तव ने एसएसबी के सहयोग से बलई गांव में छापा मारकर 300 लीटर अवैध शराब बड़ी खेप बरामद की। इसके अलावा नानपारा क्षेत्र के रानीपुर बनकटी में छापेमारी कर टीम ने 110 लीटर कच्ची शराब बरामद कर पिंटू पुत्र उपदर को धर दबोचा।

उधर, नानपारा रेलवे स्टेशन पर नेपाल से गोंडा जा रही पैसंजर ट्रेन संख्या 52264 की एक बोगी से 160 पौव्वा नेपाल में निर्मित सौफिया शराब बरामद की। ट्रेन में छापेमारी के दौरान आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर आर.के. त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

The federalists were https://justdomyhomework.com more respectable and generally embraced the cultured and propertied groups, and many were former loyalists

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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