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प्रादेशिक

आंचलिक पत्रकार सम्मेलन में जगदीश गांधी ने कहा- भ्रष्टाचार के प्रति जागरुक करते हैं पत्रकार

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लखनऊ। उतर प्रदेश की राजधानी में बुधवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर आयोजित आंचलिक पत्रकार सम्मेलन में सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी ने ऑडिटोरियम में मौजूद सभी लोगों को संबोधित करते हुए स्वच्छ्ता अभियान की प्रशंसा की।

साथ ही पत्रकारिता दिवस के इतिहास से भी लोगों को रूबरू करवाया। जगदीश गांधी ने अपने संबोधन में पत्रकारों की भूमिका पर बात करते हुए कहा कि पत्रकार लोगों को वोट डालने और भ्रष्टाचार के प्रति जागरुक करने का काम करते हैं। गांधी ने रमेश अवस्थी को इस तरह का पहला कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए साधुवाद भी दिया।

 

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि राम नाइक ने दीप प्रज्वलन के साथ की। दीप प्रज्वलन के बाद राष्ट्रगान हुआ उसके बाद उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने ऑडिटोरियम में उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम की शुरुआत में नेशनल मीडिया क्लब के उद्देश्यों और भविष्य पर फिल्म भी दिखाई गई।

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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