अन्तर्राष्ट्रीय
पेंटागन के मुख्य जगहों पर सेलफोन बैन
अमेरिकी रक्षा विभाग ने गोपनीय जानकारियों पर चर्चा और उसके प्रसंस्करण के लिए पेंटागन में निधारित क्षेत्र में सेलफोन के साथ ही कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने वाली एक नई नीति पेश की है। मंगलवार को पेंटागन की तरफ से जारी एक बयान में इस बात की जानकारी दी गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, हालांकि पेंटागन ने मुद्दे पर महीने भर चली समीक्षा के बाद इमारत में सेलफोन लाने की इजाजत जारी रखी है।
उपरक्षा मंत्री पैट्रिक शानाहान द्वारा हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में जानकारी दी गई है कि सेलफोन का इस्तेमाल सामान्य क्षेत्रों और अन्य पेंटागन कार्यालय, जहां गोपनीय जानकारियां मौजूद नहीं हैं, वहां कर सकते हैं।
बयान में स्पष्ट किया गया है कि जहां भी संवेदनशील सामग्री पर चर्चा की जाती है, वहां रोजाना की तरह फोन को इमारत के बाहर बने सुरक्षित जगहों पर छोड़ना होगा।
ये नए नियम तुरंत प्रभावी होंगे और छह महीनों के भीतर पूरे तरीके से लागू कर दिए जाएंगे। यह नियम रक्षा विभाग के कार्मिक, ठेकेदारों और आगंतुकों वाली जगहों पर लागू होंगे। इसमें लैपटॉप, टैबलेट, सेल फोन, स्मार्ट घड़ियां, और अन्य डिवाइस शामिल हैं।
पेंटागन अमरीका के प्रतिरक्षा विभाग का मुख्यालय है। यह विश्व की सबसे बड़ी इमारत है। इस इमारत का निर्माण द्वितीय विश्व युद्व के समय शुरू हो कर 15 जनवरी 1943 तक चला। इसके निर्माण 8.30 करोड़ लाख डालर की लागत आई थी। (इनपुट आईएएनएस)
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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