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प्रादेशिक

भाजपा के एक बड़े नेता के 21 वर्ष के बेटे का दिल का दौरा पड़ने से निधन

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पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद बंडारू दत्तात्रेय के बेट बंडारू वैष्णव (21 वर्ष) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मेडिकल के तृतीय वर्ष के छात्र वैष्णव हैदराबाद में अपने रामनगर निवास पर मंगलवार को परिवार के साथ रात्रि के समय भोजन के दौरान बेहोश हो गए।

वैष्णव को मुशीराबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां उन्हें रात करीब 12.30 बजे मृत घोषित कर दिया गया। दत्तात्रेय सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सांसद हैं। इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने संवेदना प्रकट की है। उपराष्ट्रपति एम.वेकैंया नायडू ने दत्तात्रेय को फोनकर अपनी संवेदना जताई।

तेलंगाना के भाजपा प्रमुख के.लक्ष्मण, हैदराबाद के मेयर बी.राममोहन और भारतीय जनता पार्टी व तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं ने फोन कर दत्तात्रेय से बेट के निधन पर संवेदना व्यक्त की है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव व आंध्र प्रदेश के उनके समकक्ष एन.चंद्रबाबू नायडू ने भी बंडारू वैष्णव के निधन पर संवेदना प्रकट की है। (इनपुट आईएएनएस)

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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