नेशनल
रवींद्र जडेजा की पत्नी पर कॉन्स्टेबल ने किया हमला, हुआ गिरफ्तार
जामनगर। टीम इंडिया के प्लेयर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवा से पुलिस के एक कॉन्स्टेबल द्वारा कार दुर्घटना के बाद कथित तौर पर मारपीट करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में कॉन्स्टेबल सजाय अहीर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
खबरों के मुताबिक सारू सेक्शन रोड पर रीवा जडेजा की बीएमडब्ल्यू कार से कथित तौर पर कॉन्स्टेबल की मोटरसाइकिल को टक्कर लग गई। इसके बाद कॉन्स्टेबल ने रीवा पर हमला कर दिया। घटना के चश्मदीद व्यक्ति विजयसिंह चावड़ा ने कहा कि पुलिसकर्मी ने रीवा जडेजा को बुरी तरह मारा। उन्होंने कहा, ‘पुलिसकर्मी ने रीवा को बेरहमी से मारा और बहस के दौरान उसके बाल तक खींचे। हमने उन्हें किसी तरह बचाया।’
इस बवाल के बाद रीवा सीधे जामनगर जिला पुलिस मुख्यालय पहुंच गईं। उनकी शिकायत पर जामनगर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रदीप सेजुल ने आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद आरोपी कॉन्स्टेबल की गिरफ्तारी कर ली गई।रिपोर्ट्स के मुताबिक जडेजा की पत्नी को हल्की चोट भी आई है।
बता दें कि क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने 17 अप्रैल 2016 को रीवा से शादी की थी। इसके बाद जून 2017 में रीवा ने एक बच्ची को जन्म दिया। फिलहाल, जडेजा आईपीएल-11 में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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