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वेतन के मामले में पीएम मोदी 11वें नंबर पर, ओबामा 1 पर

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राष्ट्राध्यक्षों को मिलने वाले वेतन के मामले में 11वें नंबर पर हैं। इसके अलावा दूसरे नेताओं को मिलने वाले वेतन का भी खुलासा किया गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सालाना 19 लाख रूपये वेतन मिलता है और वो 11वें नंबर पर हैं। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले नंबर पर हैं और उन्हें दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन मिलता है।
ओबामा को करीब सालाना ढाई करोड़ रूपये वेतन मिलता है। इसके अलावा उन्हें 30 लाख रुपये अलग से मिलते हैं, जिस पर टैक्स नहीं लगता। मोदी का का सालाना वेतन करीब 30,300 डॉलर है जो करीब 19 लाख रुपये बैठता है। उनका मूल वेतन 50 हजार रुपये है। दैनिक भत्ते के हिसाब से पीएम मोदी को हर माह 62 हजार रुपये और सांसद भत्ते के तौर पर 45 हजार रुपये मिलते हैं। सरकारी आवास और यात्रा की सुविधाओं के अलावा उन्हें निजी स्टाफ के तौर भी भत्ते मिलते हैं।
मोदी के समकक्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का वेतन मोदी से कम है। उन्हें 13.73 लाख रुपये सालाना मिलते हैं। पहले उन्हें और कम वेतन मिलता था। इसी साल उनके वेतन में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है। जिनपिंग वेतन के मामले में 12वें नंबर पर हैं।
ओबामा के बाद दूसरे नंबर पर कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर हैं। उन्हें सालाना 2.6 लाख डॉलर (1.62 करोड़ रूपए) वेतन मिलता है। इसके अलावा उन्हें यात्रा, मनोरंजन जैसे 30 हजार डॉलर के भत्ते मिलते हैं। वहीं जर्मनी की लंबे समय से चांसलर एंजेला मर्केल का वेतन 2.34 लाख डॉलर (1.46 करोड़ रूपए) है। इस साल मर्केल और उनके मंत्रियों के वेतन में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वे तीसरे नंबर पर हैं।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा (करीब 1.4 करोड़) चौथे नंबर पर हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (करीब 85 लाख) आठवें नंबर हैं। ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ 75 लाख रूपए सालाना पाती हैं। वे 10वें नंबर पर हैं।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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