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सचिन ने सीएम देवेंद्र फड़णवीस को लिखा पत्र

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मुंबई | भारत रत्न प्राप्त महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने चुंगी कर (टोल टैक्स) फाटकों पर व्याप्त अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को होने वाले शारीरिक व मानसिक तनाव से अवगत कराने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को एक पत्र लिखा है। सचिन ने राज्यसभा के लेटरहेड वाले दो पृष्ठों पर लिखे पत्र में कहा, “मैं मुंबई शहर के इर्दगिर्द चुंगी फाटकों के संचालन के तरीके को लेकर बहुत फिक्रमंद हूं।”

सचिन ने फड़णवीस को यह पत्र 20 फरवरी को भेजा था, जिसे शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया। सचिन ने पत्र में लिखा, “मैं आपसे अनुरोध करना चाहूंगा कि मुंबई आने-जाने वालों के शारीरिक व मानसिक तनाव को कम करने के लिए चुंगी संचालन के तरीके पर कृपा करके दोबारा ध्यान दें।” सचिन ने फड़णवीस से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वाहन चालकों को देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई की यात्रा में आसानी हो और दिक्कतें न झेलनी पड़ें। महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने सचिन की ओर से चुंगी कर जैसा अहम मुद्दा उठाने के प्रयास का स्वागत किया है। हालांकि, शिव सेना के नेता राउते ने एक निजी टेलीविजन चैनल को बताया कि इस मुद्दे को उठाकर सचिन ने आखिरकार मुंबई और महाराष्ट्र की सुध ले ही ली।

उन्होंने करीब दो दशकों से चुंगी कर का बोझ ढो रहे मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों के लोगों के प्रति मास्टर-ब्लास्टर सचिन की इस अप्रत्याशित सहानुभूति पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “क्या वह किसानों की तकलीफों से अनजान हैं?” सचिन ने मुख्यमंत्री से चुंगी कर की लाइनों में जाम में फंसने वाली एंबुलेंसों के लिए सातों दिन और 24 घंटे चुंगी लाइन खुली रखने का आग्रह किया है। सचिन ने पत्र में विनती करते हुए लिखा, “मैंने कई मौकों पर देखा है कि जाम और अव्यवस्था में फंसी एंबुलेंस चुंगी फाटक पार नहीं कर पातीं। शहर में एंबुलेंस का परिचालन एक मुद्दा है और हमें चुंगी फाटकों पर सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करके एक शुरुआत करनी चाहिए।”

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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