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प्रादेशिक

70 हजार में मां ने बेच दी नाबालिग बेटी, खरीदकर शख्स ने जो किया…

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नाबालिग

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नई दिल्ली। आप आए दिन अखबारों में लड़कियों के साथ होने वाली रेप की ख़बरें सुनते होंगे लेकिन हाल के दिनों में लड़कियों को बेच देने की ख़बरें भी काफी बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली से ही एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक कलयुगी मां ने 15 साल की बेटी को एक युवक के हाथों 70 हजार रु में बेच दिया।

बताया जा रहा है कि उस युवक ने नाबालिग लड़की की मर्जी के खिलाफ उससे शादी करके उसे कैद कर लिया। इस बात की भनक लड़की की एक बहन को लग गई। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और लड़की को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मामला साउथ-वेस्ट दिल्ली के वसंत कुंज (नॉर्थ) थाना इलाके का है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम प्रवीण है। वह ओल्ड हाउसिंग बोर्ड रोहतक, हरियाणा का रहने वाला है। वह अमृतसर में काम करता है। बच्ची की मां ने आरोपी प्रवीण को उसे 20 अप्रैल को बेचा गया था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी मां अपनी 14 और 15 साल की दो नाबालिग बेटियों को नजफगढ़ ले गई थी। वहां प्रवीण ने इनमें से एक बेटी को पसंद किया। इसके वह महिला के घर आया और आरोपी मां को 70 हजार रुपये देकर 15 साल की लड़की को अपने साथ ले गया। इसके बाद उसने बच्ची से शादी करके उसे घर में कैद कर लिया। इस बात की जानकारी बच्ची की बहन को हो गई। उसने तुरंत पुलिस में इस बात की शिकायत की।

पुलिस को जांच में पता चला कि बच्ची रोहतक के एक घर में कैद है। जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को छुड़ाकर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया। वहीँ, बच्ची की मां अभी फरार है। पुलिस का कहना है कि उसे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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