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Second hand Gadgets : लाखों भारतीय खुशी से इस्तेमाल कर रहे हैं सेकंड हैंड मोबाइल फोन

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मोबाइल मार्केट में रिफर्बिस्ड (फिर से नए किए गए) उत्पादों का भरोसेमंद ऑनलाइन प्लेटफार्म – टोगोफोगो ने बुधवार को घोषणा की है कि कंपनी को पिछले तीन वर्ष के दौरान 3,50,000 ऐसे फोन बेचने में सफलता मिली है, जो सेकंड हैंड थे और जिन्हें फिर से नया बनाया गया था।

इस उद्योग में दो दशक का अनुभव रखने वाले सौमित्र गुप्ता की इस कंपनी का लक्ष्य सेकंड हैंड और रिफर्बिस्ड (नवीकृत) मोबाइल उद्योग की चोर-बाज़ारी को संगठित व्यवस्था में बदलने का है।

टोगोफोगो के संस्थापक सौमित्र गुप्ता ने बताया, ”अत्यंत असंगठित बाजार में टोगोफोगो ने एक ऐसी व्यवस्था बना ली है, जहां विक्रेता कंपनी के एकीकृत लॉजिस्टिक सहयोग का लाभ उठाते हैं। वहीं, खरीदारों को नवीकृत/इस्तेमाल किए गए फोन की खरीदारी करने का एक अच्छा मंच मिल गया है और वे अपने खरीदे गए उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त रहते हैं।”

तीन साल में ही 3,00,000 से अधिक ग्राहकों ने पसंद किया टोगोफोगो कंपनी को।

टोगोफोगो अपनी तरह का पहला ऐसा प्लेटफार्म है जिसने नवीकृत और सेकंड हैंड फोन की खरीद-बिक्री की समस्त प्रक्रिया को मजबूती प्रदान की है और इसके लिए सेकंड हैंड फोन बाजार को विश्वसनीय बनाने वाले सभी मानकों की पेशकश की है। इस ब्रांड ने तीन साल के अंतराल में ही 3,00,000 से अधिक ग्राहक बनाकर 35 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा जमा लिया है। इसके 25 फीसदी तो ऐसे ग्राहक हैं जिनका विश्वास इस ब्रांड पर इतना जम गया है कि वे बार-बार यहीं से खरीदारी करते हैं।

” भारत में लाखों उपभोक्ता सेकेंड हैंड फोन खरीदते हैं क्योंकि नए फोन के फीचर्स से वाकिफ होने के बजाए वे पहले इस्तेमाल किए गए फोन में ही खुद को सहज पाते हैं। किफायती और थोड़ी-बहुत अपग्रेड फीचर्स वाले स्मार्टफोन के अलावा इन दिनों इस्तेमाल किए गए फोन की भी जबर्दस्त मांग बढ़ रही है।” सौमित्र गुप्ता ने आगे बताया।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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