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प्रादेशिक

कर्नाटक का मुख़्यमंत्री किसे बनाना हैं इसका फैसला अब सिर्फ तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति के हाथ में है

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतगणना होने के बाद ना तो भाजपा को बहुमत मिला है और ना ही कांग्रेस को। अब तस्वीर में दिख रहे इस व्यक्ति के हाथ में है कि आप किसको सरकार बनाने का मौका देते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह व्यक्ति कौन हैं। थोड़ा इंतज़ार कीजिए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस. येदियुरप्पा ने मंगलवार शाम कहा कि उन्होंने राज्यपाल वजुभाई वाला से कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देने का आग्रह किया है।

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, “हम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे हैं। हमने राज्यपाल से विधानसभा में बहुमत साबित करने का अवसर देने का आग्रह किया है। हम सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं।”

येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार व पार्टी नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की। भाजपा के प्रवक्ता एस.शांताराम ने कहा, “चूंकि हम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे हैं, इसलिए हमने राज्यपाल से नई सरकार बनाने के लिए समय देने की अपील की है।”

जी यह हैं कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला। जिनके हाथ में अब हैं कि किसे कर्नाटक का मुख़्यमंत्री बना दे।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उभरती नजर आ रही है। अब तक की मतगणना में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन बहुमत के आंकड़े से कुछ सीटे पीछे है। इसी बीच कांग्रेस ने कहा है कि वह सरकार के गठन के लिए जद (एस) को समर्थन देने को तैयार है।

कांग्रेस, जेडी (एस) का सरकार बनाने का दावा

कांग्रेस व जनता दल (सेकुलर) ने मंगलवार को कर्नाटक चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात के बाद कांग्रेस ने घोषणा की कि वह जेडी (एस) को बिना शर्त समर्थन दे रही है। जेडी (एस) ने राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बाद तीसरा स्थान हासिल किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “हमने अपना समर्थन जेडी (एस) को दिया है और अपने फैसले से राज्यपाल को अवगत करा दिया है।” इनपुट आईएएनएस

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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