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Karnataka Election Live : बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन सरकार बनाने की डगर अब भी मुश्किल

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कर्नाटक चुनाव में बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन 112 के जादुई आंकड़े से वो अब भी 6–7 कदम दूर ही दिखाई दे रही है। बीएस येदियुरप्‍पा राज्‍यपाल के सामने आज सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस बीजेपी को सत्‍ता से दूर करने के लिए हर जतन कर रही है। इसके लिए कांग्रेस जेडीएस को समर्थन देने को तैयार हो गई है। ऐसे में जाहिर है कि कांग्रेस अपनी सरकार बनाने के लिए जेडीएस से समर्थन मांग सकती है। ऐसी स्थिति में बीजेपी की डगर कठिन होने जा रही है।

दरअसल, अगर कांग्रेस और जेडीएस मिलाकर 112 तक के आंकड़े पर पहुंच जाते हैं तो फिर बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस दो फॉर्मूले पर काम कर रही हैं। पहला कांग्रेस चाहेगी कि सभी गिले-शिकवे भुलाकर जेडीएस उसे समर्थन कर दें। इस कड़ी में अगर जेडीएस सिद्धारमैया के नाम पर असहमत होती है तो कांग्रेस बिना देर किए जेडीएस की पसंद वाले कांग्रेस के सीएम पर मुहर लगा देगी।

दूसरा फॉर्मूला ये है कि जेडीएस भी करीब 40 सीटें जीतती दिख रही है। कांग्रेस लाख कोशिशों के बावजूद पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कमजोर हुई है। ऐसे में अगर जेडीएस अपना मुख्यमंत्री का दावा पेश करती है तो कांग्रेस इस पर भी विचार कर सकती है क्योंकि भले ही सीएम की कुर्सी जेडीएस के पास होगी, लेकिन कांग्रेस अपनी रणनीति में जरूर कामयाब रहेगी। कांग्रेस हर हाल में बीजेपी को सत्ता से दूर रखना चाहती है।

कांग्रेस सोमवार से ही कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए प्लान-बी में जुट गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत सोमवार को ही बेंगलुरु पहुंच गए। कहा जा रहा है कि कांग्रेस जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के साथ संपर्क में है।

कांग्रेस को सरकार बनाने या फिर सरकार में भागीदार बनने का मौका उसी सूरत में मिलेगा, जब बीजेपी अपने दम सरकार बनाने में नामकामयाब नहीं हो पाएगी। इसके अलावा अगर जेडीएस बीजेपी को समर्थन देने से मना कर दे, लेकिन फिलहाल जब तक पूरे आंकड़े नहीं आ जाते तब तक केवल कयास ही लगाए जा सकते हैं।

अमित शाह और प्रकाश जावडेकर जैसे दिग्‍गज नेता कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए कमर कस चुके हैं और उन्‍होंने इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है। अगर बीजेपी बहुमत से कुछ दूर रहती है तो पहले निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिश होगी, लेकिन आंकड़े निर्दलीय विधायकों को साथ लेने पर भी नहीं पूरे होने की स्थिति में जेडीएस को साथ लाना जरूरी हो जाएगा। इसी कड़ी में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए हैं।

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प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

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सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

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