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नेशनल

कर्नाटक चुनाव- 2018 : इन हाईप्रोफाइल सीटों पर है सबकी नज़र

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वरुणा सीट

निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दो बार वरुणा सीट से जीत हांसिल की है। जीत के बाद उन्होंने अपने बेटे को यह सौंपकर दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने का फैसला किया है।कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र संख्या-219 वरुणा विधानसभा क्षेत्र मैसूर जिले के अंतर्गत आता है। इससे पहले वरुणा सीट पर पहला विधानसभा चुनाव 2008 में हुआ था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बाजी मारी थी।

चामुंडेश्वरी

विधानसभा सीट चामुंडेश्वरी में मुकाबला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और जेडीएस के विधायक जीटी देवगौड़ा के बीच है।जेडीएस के जीटी देवगौड़ा ने चामुंडेश्वरी सीट से अब तक एक भी चुनाव नहीं हारा है। वह इस सीट से दो जिला पंचायत, एक एपीएमसी, एक विधानसभा के चुनाव भी लड़ चुके हैं।

बंटवाल

कर्नाटक की सबसे अहम सीटों में से एक है बंटवाल। यहां से कांग्रेस केबी रामानाथन राय 7वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं।यहां से राजेश नायक बीजेपी के उम्मीदवार हैं।

चन्नपत्ना

चन्नपत्ना सीट को ‘सीटी ऑफ टॉयज’ भी कहा जाता है। इस सीट पर कुमारस्वामी के सामने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सीपी योगेश्वर हैं। इन दोनों नेताओं के बीच चुनाव प्रचार के दौरान कई जुबानी बहस भी हो चुकीं हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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