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मसरत पर कड़ी निगरानी रखें मुफ्ती : केंद्र
नई दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार से कहा गया है कि वह अलगाववादी नेता मसरत आलम पर कड़ी नजर रखे। मसरत की जेल से रिहाई ने देश में राजनीतिक कोहराम मचाया हुआ है।
राजनाथ ने लोकसभा में बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक परामर्श जारी करते हुए कहा है कि वह मसरत के खिलाफ दर्ज सभी 27 आपराधिक मामलों की व्यापक जांच कराए। उन्होंने सदन में बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से मसरत को मिली जमानत को चुनौती देने के लिए भी कदम उठाने के लिए कहा है। राजनाथ ने कहा, “मसरत और उसके सहयोगियों पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह समाजिक व्यवस्था के लिए नुकसान पहुंचाने वाले लोग हैं।”
उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर कुछ भी प्रतिकूल पाते हैं तो इसकी समीक्षा सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत की जानी चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा, “राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जम्मू एवं कश्मीर में शांति, व्यवस्था तथा सामान्य स्थिति बनाए रखने के मद्देनजर मसरत पर निगरानी का काम केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसियों के तालमेल से किया जाए।” गृह मंत्री ने कहा कि वह सदन को पहले ही बता चुके हैं कि केंद्र सरकार मसरत की रिहाई पर राज्य सरकार की रपट से संतुष्ट नहीं है।
जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को राजनाथ सिंह को यह सुनिश्चित किया था कि भविष्य में उनकी सरकार के सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विश्वास में लिए बिना किसी भी अलगाववादी की रिहाई नहीं की जाएगी। जम्मू एवं कश्मीर की गठबंधन सरकार के प्रमुख दल भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के रिश्तों में उस समय मुश्किलें बढ़ गई थीं, जब सईद ने भाजपा को भरोसे में लिए बिना मसरत को रिहा कर दिया था। विपक्षी पार्टियों ने संसद में इस रिहाई का कड़ा विरोध किया था और इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने के लिए कहा था।
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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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