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प्रादेशिक

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से की शिष्टाचार भेंट

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से शुक्रवार को राजभवन में हेमन्त तिवारी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने शिष्टाचारिक भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल में समिति के उपाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव एवं आकाश शेखर, सचिव शिव शरन सिंह, संयुक्त सचिव तमन्ना फरीदी एवं श्रीधर अग्निहोत्री, कोषाध्यक्ष जफ़र इरशाद, कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक रंजन, संजोग वाल्टर, सुरेश यादव, अंकित श्रीवास्तव, दया बिष्ट सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों से वार्ता करते हुए कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है, जो जन-समस्याओं और उनके निराकरण हेतु मार्गदर्शन करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई कार्यकारिणी के गठन से जहाँ पत्रकारों को अपनी बात रखने का एक उचित मंच मिलेगा तो वहीं पाठकों तक निष्पक्ष और तत्थपरक समाचार भी पहुंचेंगे।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमन्त तिवारी ने पत्रकारों एवं मीडिया से संवाद एवं मधुर संबंध बनाए रखने हेतु राज्यपाल राम नाईक की सराहना की।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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