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मौसम विभाग ने बताया कि क्यों कमजोर पड़ गया तूफान

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बीते दिनों मौसम विभाग ने ये चेतावनी जारी की थी कि उत्तर भारत के कई राज्यों में सोमवार को तेज आंधी, तूफान और बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी। सोमवार बीत गया और मंगलवार भी लेकिन न तो तूफान आया, न ही आंधी और बारिश, हां बस दिल्ली एनसीआर के इलाकों में थोड़ी बहुत आंधी ज़रूर आई। लेकिन मौसम विभान जिसकी घोषणा की थी वैसा कुछ भी नहीं हुआ। अब आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हुआ, क्या मौसम विभाग ने गलत चेतावनी जारी की थी? तो आइये हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह।

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (मेट) ने अनुमाल लगाया था कि मंगलवार रात को 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी आंधी चलने के आसार थे, लेकिन तूफान से संबंधित ज्यादातर गतिविधि सोमवार रात और मंगलवार सुबह ही हो गईं, जिसकी वजह से रात को हालात नहीं बिगड़े। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को आंधी की तेजी 35 किलोमीटर प्रति घंटा के करीब रही थी, जो चेतावनी के लिहाज से काफी कम थी। इसपर मेट अधिकारी कुलदीप श्रीवस्तव ने कहा कि उत्तर भारत में सोमवार को रात करीब 11.03 पर लगभग 64 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चली थीं, आंधी-तूफान से संबंधित ज्यादातर गतिविधियां उस रात ही हो गईं, जिससे मंगलवार को हालात नहीं बिगड़े।

मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा के सिरसा तक तूफान की स्थिति रही, लेकिन उसके आगे यह कमजोर पड़ गया। हालांकि देर रात मेरठ, नोएडा, फरीदाबाद के अलावा वेस्ट दिल्ली में आंधी आई लेकिन थोड़ी देर बाद ही थम गई।

बुधवार के लिए जारी अनुमान के मुताबिक, हल्की बारिश और आंधी-तूफान आज भी आ सकते हैं। इसकी रफ्तार 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री रहा था, कुछ ऐसा ही तापमान बुधवार को भी रहेगा। यह सामान्य से कुछ नीचे है। मेट अधिकारी मानते हैं कि जैसे-जैसे आसमान साफ होगा वैसे-वैसे तापमान बढ़ने लगेगा।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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