नेशनल
साहित्य अकादमी के ‘भाषा सम्मान’ पुरस्कार की घोषणा
नई दिल्ली | साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित भाषा सम्मान पुरस्कार की घोषणा बुधवार को की गई। भाषा सम्मान पुरस्कार उन दो विचारकों को दिया जा रहा है, जिन्होंने शास्त्रीय एवं मध्यकालीन साहित्य एवं भीली भाषा को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने में योगदान दिया। विचारक, राजनयिक, शिक्षक एवं शिक्षाविद् जसपाल सिंह को शास्त्रीय एवं मध्यकालीन साहित्य (उत्तरी) को बढ़ावा देने और वसंत निर्गुण को भीली भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए साहित्य अकादमी प्रतिष्ठित भाषा सम्मान दे रहा है।
साहित्य अकादमी ने भाषा सम्मान पुरस्कार की शुरुआत 1996 में की थी, जिसके अंतर्गत उन लेखकों, विचारकों, संपादकों, कलाकारों और अनुवादकों को पुरस्कृत किया जाता है, जिन्होंने सम्बद्ध भाषा की प्रगति और विकास में योगदान दिया है। निर्गुण भीली विचारक हैं, जिन्होंने भील, गोंड जनजाति पर काफी काम किया है और गोंड, बेगा, कुरकु, सहरिया, बहरिया और भील संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर अपने काम को किताब के रूप में प्रकाशित किया है। भाषा सम्मान पुरस्कार के विजेताओं को एक लाख रुपये धनराशि, ताम्र पट्टिका और प्रशस्ति पत्र सम्मान स्वरूप दिया जाता है। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष साल के अंत में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में विजेताओं को सम्मानित करेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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