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प्रादेशिक

जम्मू कश्मीर मुठभेड़ में प्रोफेसर सहित पांच आतंकवादी ढेर

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जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कश्मीर विश्वविद्यालय के लापता प्रोफेसर सहित पांच आतंकवादी मारे गए हैं। कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पिछले सप्ताह लापता हो गए थे।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.पी.वेद ने कहा कि बदीगाम गांव में छिपे हुए सभी पांचों आतंकवादी मारे जा चुके हैं।

डीजीपी ने ट्वीट कर कहा, “बदीगाम जैनपोरा शोपियां में मुठभेड़ समाप्त हो गई है। पांच आतंकवादियों के शव बरामद किए गए हैं। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के जवानों शाबाश।”

मारे गए आतंकवादियों में हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर सद्दाम पड्डार, तवसीफ शेख, मौलवी बिलाल, आदिल अहमद और कश्मीर विश्वविद्यालय के लापता प्रोफेसर मुहम्मद रफी बट शामिल है, जो पुलिस के मुताबिक, आतंकवादियों में शामिल हो गए थे।

पड्डार जुलाई 2016 में अनंतनाग जिले के कोकरनाग क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान मारे गए बुरहान वानी का निकट सहयोगी था। रफी बट भी इस मुठभेड़ में शामिल आतंकवादियों में से एक है।

कश्मीर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर मुहम्मद रफी बट शुक्रवार दोपहर को लापता हो गए थे। वह गांदरबल जिले के चुंडुना गांव के हैं। विश्वविद्याल कैंपस में शनिवार को गुस्साए छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से लापता शिक्षक को ढूंढने की मांग की थी।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस उनकी मां, पत्नी और भाई को शोपियां जिले के बाडीगाम गांव लेकर गई है ताकि वह मुहम्मद रफी बट को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर सकें। पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) सहित सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में आतंकवादियों के होने की सूचना के बाद बदीगाम गांव को चारों ओर से घेर लिया।

इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान और पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प में 12 नागरिक भी घायल हुए हैं। एक स्थानीय नागरिक बुरी तरह से घायल है और उसे इलाज के लिए श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं।

इनपुट आईएएनएस

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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