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इस राज्य में जरा संभल कर जाएं यहां बढ़ रहा ‘पकड़ौआ विवाह’ का आंकड़ा
अगर आप युवा हैं और आपकी शादी नहीं हुई है तो इस राज्य में जाते हुए थोड़ा सतर्क रहें। यहां पर कभी भी आपको पकड़ लिया जाएगा और आपका विवाह कर दिया जाएगा चाहे आपकी मर्जी हो या नहीं।
बिहार में ‘पकड़ौआ विवाह’ का चलन काफी पुराना है। पकड़ौआ विवाह के लिए न लड़के की सहमति ली जाती है और ना ही लड़की की। इस विवाह में लड़कों को अगवा कर या बहला-फुसलाकर बंधक बना लिया जाता है और फिर रीति-रिवाज के साथ लड़की से विवाह करवा दिया जाता है। इसमें दूल्हा और दुल्हन बने लड़का और लड़की की मर्जी की कोई अहमियत नहीं रहती।
बिहार के सहरसा जिले के एक गांव में रहने वाली मालती (45 वर्ष) आज अपने परिवार के साथ खुशी से जीवन व्यतीत कर रही हैं। आज इनके दो बच्चे भी हैं, जो उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए पटना में रहते हैं। मगर इन्हें आज भी इस बात का मलाल है कि इनका ‘पकड़ौआ विवाह’ हुआ था।
मालती जब मात्र 14 वर्ष की थीं, तब इनके होने वाले पति को उनके घर से कुछ ही दूरी पर से बंदूक के दम पर उठा लिया गया था और फिर उनसे पूरे रीति-रिवाज के शादी करवा दी गई थी। मालती को हालांकि आज भी इस बात का दुख है। यही कारण है कि इसे वह अपनी पिताजी की गलती कहते हैं। वह कहती हैं, आज भी मेरी रूह यह सोचकर कांप जाती है कि अगर ससुराल वाले अच्छे नहीं होते, तो मेरा क्या होता? कहीं ये इससे नाराज होकर दूसरी पत्नी ले आते।
ये सामंती समाज की देन है। उन्होंने कहा, बिहार में सामाजिक दबाव इतना है कि लड़की के परिवारवाले इसी कोशिश में रहते हैं कि कैसे जल्द से जल्द अपनी जाति में इसकी शादी कर दें। इसका प्रचलन मुख्य रूप से उत्तर बिहार में है। भारती एस कुमार प्रोफेसर समाजशास्त्र पटना विश्वविद्यालय
उन्होंने बताया कि अभिभावक तो अपनी लड़कियों का विवाह इस तरह से विवाह अपने सिर से बोझ उतार लेते हैं, लेकिन इस बेमेल विवाह का नकारात्मक प्रभाव पति-पत्नी पर जीवनभर देखने को मिलता है। लड़की को जीवनभर ताना सुनना पड़ता है।
वैसे, राज्य पुलिस इसे एक अपराधिक मामला ही मानती है। ऐसे मामले शादी-ब्याह के मौसम में अधिक बढ़ जाते हैं। दीगर बात है कि बिहार सरकार दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मगर आंकड़े इससे मेल नहीं खाते।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते चार वर्ष में पकड़ौआ विवाह के मामले बढ़े हैं। वर्ष 2014 में जहां 2526 पकड़ौआ विवाह के मामले सामने आए, वहीं वर्ष 2015 में 3000, वर्ष 2016 में 3070 और नवंबर 2017 तक 3405 शादी के लिए अपहरण हुए। गौरतलब है कि इसमें प्रेम प्रसंग में घर से भागने वाले प्रेमी युगल का आंकड़ा शामिल नहीं हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ‘पकड़ौवा विवाह’ के ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों से आते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लड़कियों की जिंदगी शादी, बच्चे और गृहस्थी के आसपास रहती है। ऐसे में लड़की के अभिभावक भी लड़कियों का विवाह कर निश्चिंत हो जाते हैं।
पटना स्थित ए एन सिन्हा संस्थान के पूर्व निदेशक डी़ एम़ दिवाकर कहते हैं कि पकड़ौआ विवाह का सबसे बड़ा कारण दहेज की मांग और लड़कियों में अशिक्षा है। ऐसे में अभिभावक नहीं चाहते हुए भी ऐसे विवाह के ओर उन्मुख होते हैं।
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इसे आपराधिक वारदात से ज्यादा सामाजिक समस्या के रूप में देखते हैं। उनका कहना है कि जबरन होने वाली शादियों को भी बाद में सामान्य शादियों की तरह ही सामाजिक मान्यता मिलती रही है। इसमें पुलिस की भूमिका काफी सीमित है। पुलिस हालांकि इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है।
वैसे कई लड़के और लड़कियां ऐसे भी हैं, जो इसे ब्याह को मान्यता देने को तैयार नहीं हैं। बेगूसराय के रहने वाले इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर लौटे अनीश बताते हैं कि ‘पकड़ौआ विवाह’ को सामाजिक मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। किसी लड़के का अपहरण कर उसका विवाह अगर किसी जानवर से करा दिया जाए, तो क्या उसके खिलाफ नहीं बोलना चाहिए? उनका कहना है कि इसका विरोध न केवल लड़के को, बल्कि लड़की को भी करनी चाहिए।
इनपुट आईएएनएस
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Click Here क्या है? एक्स पर खूब हो रहा ट्रेंड, जनता से लेकर नेता भी हुए दीवाने
नई दिल्ली। अगर आप एक्स (पूर्व में ट्विटर) का इस्तेमाल करते हैं तो आपने गौर किया होगा कि शनिवार शाम से यहां एक अजीब सी चीज ट्रेंड कर रही है। दरअसल शनिवार शाम से एक्स पर हजारों की संख्या में ऐसे पोस्ट की भरमार हो गई है जिसमें एक सफेद पेज पर ब्लैक कलर में बोल्ड में ‘यहां क्लिक करें (Click Here)’ लिखा हुआ है। इस टेक्स्ट के साथ ही नीचे की तरफ एक तीर का निशान बना हुआ है। कई एक्स यूजर्स को ये नहीं समझ में आ रहा है कि आखिर ये ट्रेंड क्या है और लोग क्यों एक सफेद रंग की तस्वीर में काले रंग से ‘क्लिक हेयर’ लिखकर फोटो शेयर कर रहे हैं।
जैसे ही कोई यूजर ‘ऑल्ट’ पर क्लिक करता है, तो एक मैसेज ओपन हो जाता है। ये एक हिडन यानी छिपा हुआ मैसेज है, जो सिर्फ ‘ऑल्ट’ पर क्लिक करने पर ही दिखाई देता है। अगर कोई इस पर क्लिक नहीं करता है, तो किसी भी तरह का मैसेज दिखाई नहीं पड़ता है। आपको बता दें कि एक्स यानी ट्विटर की तरफ से ALT टेक्स्ट फीचर को 2016 में लॉन्च किया गया था। तब ट्विटर की तरफ से कहा गया था कि हम कंटेंट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इस फीचर को ला रहे हैं।
एक्स पर यूजर्स को कैप्शन में टेक्स्ट लिखने का ऑप्शन तो मिलता ही है, लेकिन ये ऑल्ट टेक्स्ट फीचर शेयर की जाने वाली तस्वीर की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का ऑप्शन मुहैया कराता है। ऑल्ट टेक्स्ट फीचर के जरिए यूजर एक हजार शब्दों तक अपने मैसेज लिख सकता है। एक्स का कहना है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा उनको होगा, जो कम या बिल्कुल भी नहीं देख पाते हैं। ऑल्ट टेक्स्ट फीचर के कम स्पीड में भी मैसेज पढ़ा जा सकता है।
ऑल्ट टेक्स्ट कैसे करें यूज?
एक्स पर तस्वीर पोस्ट करते वक्त यूजर को +ALT का ऑप्शन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने के बाद मैसेज लिखने का ऑप्शन आता है। यहां यूजर जो मैसेज लिखना चाहे, उसे लिख सकता है। मैसेज सीधे तौर पर तस्वीर के साथ एड हो जाएगा। जैसे ही यूजर इस तस्वीर को पोस्ट करता है, वैसे ही ये मैसेज सभी के लिए अवेलेबल हो जाता है। अगर किसी को इस मैसेज को पढ़ना है, तो बस उसे ALT पर क्लिक करना है। ये फीचर सभी डिवाइस पर काम करता है। आम जनता के साथ साथ अब राजनीतिक दल भी इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए क्लिक हियर पोस्ट किया। बीजेपी ने ऑल्ट टेक्स में लिखा ‘फिर एक बार मोदी सरकार’
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