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अन्तर्राष्ट्रीय

विश्व विरासत सूची में शामिल हो सकते हैं साउथ कोरिया के चार मंदिर

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दक्षिण कोरिया के चार बौद्ध मंदिरों को यूनेस्को विश्व विरासत सूची में शामिल करने के लिए प्रस्तावित किया गया है। सांस्कृतिक विरासत प्रबंधन (सीएचए) ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी योनहाप ने बताया कि दक्षिण कोरिया ने पिछले वर्ष सात पर्वतीय मंदिरों को इस सूची में शामिल करने के लिए आवेदन दाखिल किया था।

योनहाप ने शुक्रवार को बताया कि यूनेस्को के अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद ने इनमें से केवल चार की अनुशंसा की है। इस पर अंतिम निर्णय अगले महीने बहरीन में होने वाली वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी की बैठक में लिया जाएगा। दक्षिण कोरिया के इन मंदिरों के अलावा मध्य सियोल में स्थित चंगडेओक सहित अन्य स्थल भी विश्व विरासत सूची में मौजूद हैं।

दक्षिण कोरिया के मंदिरों को देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं। यहां का बोंग्युन्सा मंदिर सन 794 में बना था। इसे देखने हर रोज औसतन 10 हजार टूरिस्ट और श्रद्धालु आते हैं। हर साल 9 सितंबर को बौद्ध धर्मगुरू एक धार्मिक आयोजन करते हैं जिसमें बौद्ध भिक्षु पवित्र शास्त्रों को सिर पर रखकर जुलूस की शक्ल में निकलते हैं। यहां आने वालों के लिए मंदिर में दो दिन ठहरने की भी व्यवस्था है।

गगवोन्सा मंदिर में महात्मा बुद्ध की 60 टन की पीतल की प्रतिमा विशेष आकर्षण है। इस मंदिर को सन 1977 में बनवाया गया था। उत्तरी और दक्षिणी कोरिया में फिर से एकता हो जाए इसकी प्रार्थना करने के लिए इस मंदिर का निर्माण किया गया था। यहां आने वाले इसकी 203 सीढि़यों पर बैठकर फोटो जरूर खिंचाते हैं।

मंदिर में महात्मा बुद्ध की 60 टन की पीतल की प्रतिमा विशेष आकर्षण है

दक्षिण कोरिया का एक और मंदिर सुदेवोक्सा मंदिर काफी मशहूर है। लगभग 1500 वर्ष पुराने इस मंदिर की राष्ट्रीय धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां सुबह 3 बजे से ही पवित्र मंत्रों का पाठ शुरू हो जाता है।

1500 वर्ष पुराने इस मंदिर की राष्ट्रीय धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त है।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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