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प्रादेशिक

तूफान ताजमहल की मीनार के दो दरवाजे ले उड़ा, आगरा में 72 घंटे का अलर्ट

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मौसम विभाग ने मौसम के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सोमवार तक अगले 72 घंटे का अलर्ट जारी किया है। आगरा के जिला मजिस्ट्रेट गौरव दयाल ने किसी भी आपदा के प्रबंधन के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।

यह चेतावनी बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात शहर में 132 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी तूफान के साथ आई भारी बारिश व ओलावृष्टि के बाद जारी की गई। इस आंधी-तूफान में 44 लोगों की मौत हो गई और करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हो गया।

एस.एन.मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने 44 शवों का पोस्टमार्टम किया है। मृतकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

एक अधिकारी ने कहा कि आगरा में 20 दिनों में दो विनाशकारी तूफान आए हैं। करीब 1,400 से ज्यादा गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप है।

ट्रेनें अभी भी देर से चल रही हैं। ताजमहल सहित ऐतिहासिक इमारतों को व्यापक तौर पर नुकसान पहुंचा है। ताज की मीनारों के दो लकड़ी के दरवाजे क्षतिग्रस्त हुए हैं और परिसर में कई पेड़ गिर गए हैं।

डिविजनल कमिश्नर के.राम मोहन राव व दयाल ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

इनपुट आईएएनएस

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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