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मोबाइल बम: इन पांच चीज़ों की वजह से कभी भी फट सकता है आपका स्मार्टफ़ोन
नई दिल्ली। अगर हम आप से कहें कि आप हर वक़्त अपनी जेब में एक बम लेकर चल रहें है, जो कभी भी ब्लास्ट हो सकता है तो ये चिंता करने वाली बात है। नहीं, अपनी जेबें मत टटोलिये, वो बम आपका स्मार्टफोन ही है। कई बार आपने ख़बरें सुनी-पढ़ी होंगी कि मोबाइल दगने से मौत। आखिर क्यों दगते हैं ये मोबाइल। इसके पांच कारण हैं, पढ़िए और सावधान रहिए।
पहला कारण: फोन 110% चार्ज करने पर
फोन फटने का सबसे सामान्य कारण हो सकता है, इसकी बैटरी का अधिक गर्म होना। जिसका कारण बैटरी चार्ज होने के बाद भी फ़ोन चार्जिंग पर रखना है। अगर आप फोन को घंटों तक चार्जिंग पर लगाकर छोड़ देते हैं या फिर चार्जिंग पर लगाने के बावजूद फोन पर बातें करते हैं, तो इसकी बैटरी अत्यधिक गर्म होने के साथ अतिरिक्त चार्ज हो रही है। ऐसी स्थिति में बैटरी पिघल भी सकती है।
दूसरा कारण: सस्ता-मद्दा लोकल चार्जर लेना
स्मार्टफोन को किसी भी लोकल चार्जर या फिर अन्य चार्जर से चार्ज करते हैं, तो यह आपके फोन और बैटरी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
तीसरा कारण: लोकल बैटरी लेना, चाइना वाली
सस्ती बैटरी का इस्तेमाल करने पर ये जल्दी गर्म होने एवं फूलने जैसी समस्या के कारण ब्लास्ट भी हो सकती है। इसके अलावा चार्जिंग सर्किट और इनपुट पावर में किसी भी प्रकार का फॉल्ट होने पर भी बैटरी अधिक गर्म होकर फट सकती है।
चौथा कारण: स्मार्ट विंडो, नया कारण
स्मार्टफोन में स्मार्ट विंडो पर काम करने पर फोन की बैटरी पर और ज्यादा दबाव पड़ता है। जिससे बैटरी कमज़ोर हो सकती है और फूल कर फट सकती है।
पांचवा कारण: फोन उछालेओ तऊ दगि जाई
आज कल लगभग सभी स्मार्टफोन की बैटरी लिथियम आयन की बनी होती है। जो काफ़ी हल्की होती हैं। इसे ऊँचाई से नीचे गिराने पर इसमें शॉर्ट सर्किट हो सकता है और बैटरी व फोन कभी भी फट जाता है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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