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अन्तर्राष्ट्रीय

85 साल का ये बुजुर्ग लोगों से कहता फिर रहा, कोई मुझे गोद ले ले, मेरा कोई नहीं है

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आपने अक्सर देखा या सुना होगा कि लोग बच्चों को गोद लेते हैं, लेकिन शायद ऐसा शायद पहली बार हो रहा है जब एक 85 वर्ष बुज़ुर्ग खुद अपील कर रहा है कि कोई उसे गोद ले ले। ये सुनकर आफको भी थोड़ी हैरानी हो रही होगी, लेकिन ये सही है।

चीन में 85 साल के रहने वाले हेन जीचेंग नाम के शख्स ने खुद को गोद लेने की गुहार लगाई है। वो रोज साइकल लेकर घूमते हैं ताकी कोई उन्हें गोद ले सके। उन्होंने लिखा- मैं 80वें दशक का अकेला शख्स हूं। शरीर ताकतवर है, शॉपिंग कर सकता हूं, खाना बनाना जानता हूं, अपनी देखभाल खुद कर सकता हूं। तियानजिन के साइटेफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट से रिटायर हुआ हूं। मुझे हर महीने 950 डॉलर पेंशन में मिलते हैं। मैं नर्सिंग होम नहीं जाना चाहता। मुझे पूरी उम्मीद है कि कोई दयालू वक्ति गोद ले लेगा। मेरी देखभाल कर सकेगा। मेरे निधन पर कोई मेरा अंतिम संस्कार भी करेगा।

वो बताते हैं कि उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है और बच्चों से कोई संपर्क नहीं है। उनके पड़ोसियों के पास भी उनके लिए वक्त नहीं है। उन्होंने बताया कि वो बाइक चला सकते हैं। लेकिन उन्हें पता है कि एक दिन ऐसा आएगा जब वो चल फिर नहीं पाएंगे। उन्हें डर है कि आखिर में वो अकेले न पड़ जाएं।

हेन जीचेंग के बेटे की शादी की फोटो, जो 2003 साल कनाडा शिफ्ट हो गया था।

जब से उन्होंने ये स्टोरी एक लोकर टेलीवीजिन को सुनाई तो उनके पास कई फोन कॉल्स आने लगे हैं। पिछले तीन महीने से वो रुके नहीं और उनका संघर्ष जारी है। उन्होंने सबसे पहले अपने पड़ोसियों को ये बात बताई कि वो अकेले हैं और वो ऐसे नहीं मरना चाहते हैं। लेकिन अब लोग उनके पास पहुंच रहे हैं और उनसे बात कर रहे हैं। एक लोकल रेस्टॉरेंट उनको खाना देता है। उन्होंने 20 वर्षीय लॉ स्टूडेंट्स से दोस्ती की है। वो रोज टेलीफोन पर उससे बात करते हैं।

उनका जन्म 1932 में हुआ था उस वक्त जापान ने चीन पर हमला किया था। उनका बचपन भी काफी संघर्षों में बीता है। वो जब बड़े हुए तो एक कारखाने में काम करने लगे। उस वक्त उनकी शादी भी हो गई। जिस वक्त कल्चरल रिवॉल्यूशन चल रहा था उस वक्त उनके बच्चे हुए। काफी संघर्षों में उनका जीवन बीता। उनका कहना है- ”मेरी उम्र के लोग काफी संघर्ष करते हैं। इस उम्र में इंसान सोचता है कि वो एक ऐसे घर में रहे जहां बच्चे और पोते सेवा करें। लेकिन मेरी तरह कई लोगों को ये सेवा नहीं मिल पाती है।”

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हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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