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आ गई ऐसी तकनीक, बिना सिम और नेटवर्क के मोबाइल से कीजिए कॉल
क्या आप भी मोबाइल के घटिया नेटवर्क से परेशान हैं या फिर कहीं आपको सिग्नल ही नहीं मिलता। अगर आपका जवाब हां तो जल्द ही आपको इससे राहत मिलने वाली है। अब आप अपने घर, ऑफिस या किसी भी ऐसी जगह से बिना नेटवर्क पर कॉल कर सकेंगे, वो भी किसी लैंडलाइन या मोबाइल पर। इस तकनीक को इंटरनेट टेलीफोनी कहते हैं। इसके लिए यूजर को ब्रॉडबैंड नेटवर्क के साथ वाई-फाई से जुड़े रहना होगा।
सरकार ने इस तरह के प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। टेलिकॉम ऑपरेटर्स को इंटरनेट टेलीफोनी लाइसेंस लेने होंगे। जिन कंपनियों के पास यह लाइसेंस होगा, वह ग्राहकों को यह सुविधा ऑफर कर सकेंगी। इस सुविधा के लिए किसी तरह के सिम की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे एप के जरिए एक्टिवेट किया जाएगा। इसे टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों रिलायंस जियो, बीएसएनएल, एयरटेल आदि के साथ मिलकर शुरू किया जाएगा।
ट्राई में एडवाइजर अरविंद कुमार बताते हैं कि इससे उपभोक्ताओं को कनेक्टिविटी की नई च्वाइस मिलेगी। इससे विकल्?प खुलेंगे। खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां नेटवर्क की समस्या है।
इंटरनेट टेलीफोनी का इस्तेमाल करने के लिए यूजर को एक ऐप डाउनलोड करना होगा। ये ऐप यूजर्स को उनकी टेलीकॉम कंपनियां मुहैया कराएंगी। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अगर आपके पास एयरटेल का नंबर है तो आपको एयरटेल का टेलीफोनी मिलेगा। ऐसे में जो आप उसी नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं जो सिम कार्ड से लिंक हो यानी जो नंबर आपके पास है वही टेलीफोनी सर्विस के लिए भी इस्तेमाल होगा।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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