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अन्तर्राष्ट्रीय

आत्महत्या करने के लिए स्विट्जरलैंड जा रहा है यह साइंटिस्ट!

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लोग स्विट्जरलैंड जाते हैं छुट्टियां मनाने के लिए लेकिन ऑस्ट्रेलिया के एक साइंटिस्ट जिंदगी से छुट्टी पाने के लिए मई के पहले सप्ताह में स्विट्जरलैंड जा रहे हैं। इन महोदय का नाम है डेविड गुडऑल, यह ऑस्ट्रेलिया के सबसे बुजुर्ग साइंटिस्ट हैं। इनकी उम्र इस समय 104 साल है, इन्हें कोई खास बीमारी भी नहीं है बस ये अब और जीना नहीं चाहते।

4 अप्रैल 1914 को इंग्लैंड में पैदा हुए डेविड गुडऑल बाद में ऑस्ट्रेलिया आ गए। वे मशहूर पर्यावरणविद् हैं। वह इस समय पर्थ की एडिथ कोवन यूनिवर्सिटी में ऑनरेरी रिसर्च असोसिएट के रूप में रह रहे हैं। दो साल पहले यूनिवर्सिटी ने उन्हें काम करने के अयोग्य ठहरा दिया था। इसका उन्होंने और दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने जमकर विरोध किया था। उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन वे बढ़ती उम्र और उसकी वजह से होने वाली विवशताओं से परेशान हो गए हैं। उनका मानना है कि इस उम्र में वह मानवीय गरिमा के साथ जीवन नहीं बिता पा रहे हैं इसलिए उन्हें स्वेच्छा से मरने दिया जाए।

पिछले महीने अपने जन्मदिन के मौके पर डेविड ने कहा था, ‘ इस उम्र तक पहुंचने का मुझे बहुत अफसोस है। मैं खुश नहीं हूं। मैं मरना चाहता हूं। मौत मुझे तकलीफ नहीं देगी, हां अगर मुझे रोका गया तो जरूर मुझे तकलीफ होगी। मेरा मानना है कि मेरे जैसे बुजुर्ग को नागरिकता के तमाम अधिकारों के साथ-साथ इच्छामृत्यु में मदद पाने का भी अधिकार होना चाहिए।’

दुनिया भर में अधिकांश देश इच्छामृत्यु के खिलाफ हैं। हालांकि, पिछले ही साल ऑस्ट्रेलिया के प्रांत विक्टोरिया में गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए इच्छामृत्यु का प्रावधान किया गया है। यह कानून वहां अगले साल से लागू होगा। पर यह नियम डेविड पर लागू नहीं होता क्योंकि वह स्वस्थ हैं। इसलिए स्वेच्छा से अपने प्राण देने के लिए डेविड गुडऑल ने स्विटरजलैंड की एक एजेंसी का सहारा लिया है। स्विट्जरलैंड के कानून में ऐसी व्यवस्था है कि डेविड की इच्छामृत्यु वाली इच्छा पूरी हो सकती है। इस काम में एग्जिट इंटरनेशनल नाम की एक कंपनी डेविड की मदद कर रही है। उसने डेविड के किराए के लिए गो फंड मी कैंपन चलाकर पैसे भी इकट्ठा किए है।

बहरहाल, डेविड अपनी आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए मई के पहले सप्ताह में स्विट्जरलैंड के लिए रवाना हो जाएंगे। लेकिन अपने पीछे वह इच्छामृत्यु पर एक गर्मागर्म बहस भी छोड़ जाएंगे। उम्मीद करते हैं कि उनकी यह आखिरी यात्रा सुखद हो।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा

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न्यूयार्क। अमेरिका में पढाई कर रहे तेलंगाना के दो छात्रों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। दोनों छात्रों निवेश मुक्का और गौतम कुमार पारसी की शनिवार रात एरिजोना के पियोरिया में उस समय जान चली गई, जब उनकी कार दूसरी कार से जा टकराई। दोनों की उम्र 19 वर्षीय थी।

रिपोर्ट के अनुसार, निवेश करीमनगर जिले के हुजूराबाद शहर का रहने वाला था, वहीं गौतम कुमार जनगांव जिले के स्टेशन घनपुर का रहने वाला था। दोनों एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे थे।

दोनों अपने दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय से घर लौट रहे थे, तभी सामने से आ रही कार ने उनके वाहन को टक्कर मार दी। निवेश और गौतम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। निवेश डॉक्टर दंपत्ति नवीन और स्वाति का बेटा था। दोनों छात्रों के परिवारों ने भारत सरकार से शवों को वापस लाने में मदद की अपील की है।

 

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