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अन्तर्राष्ट्रीय

केप टाउन का सूखा मिटाने को यह शख्स अंटार्कटिका से लाएगा ग्लेशियर

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इस समय साउथ अफ्रीकी शहर केप टाउन भयानक सूखे के दौर से गुजर रहा है। प्रशासन ने शहर के 40 लाख नागरिकों को कहा है कि जल्द ही पूरे शहर की पानी की सप्लाई सूख सकती है। यह दिन डे जीरो के नाम से जाना जाएगा। पहले यह तारीख इसी साल जुलाई में तय की गई थी। लेकिन नागरिकों ने पानी की खपत पर कटौती की और अब यह बढ़ाकर अगले साल तक कर दी गई है। केप टाउन की इस समस्या से निबटने के लिए निक स्लोन नाम के एक शख्स ने लगभग 2000 किलोमीटर दूर से बर्फ का एक विशाल ग्लेशियर लाने का प्रस्ताव रखा है।

निक स्लोन साउथ अफ्रीका के निवासी हैं और इस सूखे से परेशान हैं। वह समुद्र में डूबे जहाजों को निकालने का काम करते हैं। इन्होंने सन 2014 में समुद्र में डूबे इटली के पैसेंजर जहाज कोस्टा कॉनकॉर्डिया को समुद्र की तलहटी से बाहर निकाला था। वह एक अमेरिकन कंपनी रिसॉल्व मरीन के डायरेक्टर भी है। अपने अनुभव के बल पर उन्होंने साउथ अफ्रीका की सरकार को सुझाव दिया है कि वह दक्षिण में स्थित अंटार्कटिका से टूट कर अलग होने वाले ग्लेशियर को जहाज में बांध कर साउथ अफ्रीका तक ला सकते हैं। इसके बाद इस बर्फ को काटने के लिए मिलिंग मशीन लगाई जाएंगी। कटी हुई यह बर्फ बाद में केपटाउन भेजी जाएगी।

निक स्लोन ने सन 2014 में समुद्र में डूबे इटली के पैसेंजर जहाज कोस्टा कॉनकॉर्डिया को समुद्र की तलहटी से बाहर निकाला था

असल में ग्लेशियर मीठे पानी का बर्फ के रूप में जमा हुआ एक विशाल टुकड़ा होता है। हर साल अंटार्कटिका से लगभग 20 खरब किलो बर्फ टूटकर समुद्र में मिलती रहती है। निक इसी में से बर्फ का विशाल टुकड़ा लाने का प्लान बना रहे हैं। उनके हिसाब से इसकी 7 पर्सेंट बर्फ भी उन्हें मिल गई तो इससे केप टाउन की जनता को साल भर के लिए पानी मिल जाएगा।

निक की योजना है कि एक खास किस्म के कपड़े का जाल बनाकर उसमें बांधकर ग्लेशियर को इतनी दूर लाया जाए । ग्लेशियर इतनी लंबी यात्रा में पिघले नहीं इसके लिए उसे पानी के नीचे ही रखा जाएगा, फिर भी अनुमान है कि उसकी 30 पर्सेंट बर्फ तो पिघल ही जाएगी। खुले समुद्र में किए जाने वाले इस जोखिम भरे अभियान पर अंदाजन 8.6 अरब रुपयों का खर्च आएगा। निक स्लोन इसी महीने शहर के प्रशासन और उद्योगपतियों के साथ मिलकर इस पर चर्चा करेंगे।

सूखे से निपटने के लिए अंटार्कटिका से ग्लेशियर ढोने की कोशिश पहली बार नहीं हो रही है। इससे पहले भी 2017 में संयुक्त अरब अमीरात ने इसी तरह की एक योजना बनाई थी जिसमें करीब हजार किलोमीटर दूर से बर्फ लाने की बात कही गई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा

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न्यूयार्क। अमेरिका में पढाई कर रहे तेलंगाना के दो छात्रों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। दोनों छात्रों निवेश मुक्का और गौतम कुमार पारसी की शनिवार रात एरिजोना के पियोरिया में उस समय जान चली गई, जब उनकी कार दूसरी कार से जा टकराई। दोनों की उम्र 19 वर्षीय थी।

रिपोर्ट के अनुसार, निवेश करीमनगर जिले के हुजूराबाद शहर का रहने वाला था, वहीं गौतम कुमार जनगांव जिले के स्टेशन घनपुर का रहने वाला था। दोनों एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे थे।

दोनों अपने दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय से घर लौट रहे थे, तभी सामने से आ रही कार ने उनके वाहन को टक्कर मार दी। निवेश और गौतम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। निवेश डॉक्टर दंपत्ति नवीन और स्वाति का बेटा था। दोनों छात्रों के परिवारों ने भारत सरकार से शवों को वापस लाने में मदद की अपील की है।

 

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