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प्रादेशिक

मदरसे के मौलवी ने 10 साल की ‘गीता’ को बिना कपड़ों के रखा और उसका शिकार किया

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लखनऊ। समाज में लड़कियों के जो हालात बने हुए है, उसके लिए शायद कोई शब्द नहीं बचा है। कल्पना करने में ही घिन आती है कि मंदिर-मदरसों में बलात्कार हो रहे हैं। एक तरफ भारत को मां कहते हैं, दूसरों से कहलवाते हैं और दूसरी तरफ उसी मां के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं। कठुआ, उन्नाव, आसाराम और अब एक और बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। राजनीती करने वाले पीड़िता और आरोपी का धर्म देखेंगे लेकिन हम आपको आरोपी की हैवानियत और पीड़िता का दर्द बताएंगे। ख़बर उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले से है। यहां 10 साल की लड़की गीता (कथित नाम) घर से दुकान के लिए निकलती है। उसे एक मौलवी और एक नाबालिग लड़का मदरसे में कैद कर लेते हैं और उसके साथ कई बार दुष्कर्म करते हैं।

घटना उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद की है। जहाँ एक 10 साल की बच्ची दुकान जाने के लिए अपने घर से निकली थी। पड़ोस की एक लड़की ने उसे वहां मौजूद एक लड़के से मिलवाया। इसी लड़के ने गीता का अपहरण किया। लड़के के साथ एक मदरसे का एक मौलवी भी शामिल था। दोनों ने 10 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने लापता 10 साल की नाबालिग बच्ची को 22 अप्रैल को मदरसे से ढूंढ निकाला। पुलिस ने घटना के दोषी मौलवी और आरोपी लड़के को हिरासत में ले लिया है। रिपोर्ट के अनुसार उस बच्ची को मदरसे के एक कमरे में बंद रखा गया। मौलवी और वो लड़का उसके साथ कई-कई बार बलात्कार करते थे और उसे बिना कपड़ों के कमरे में बंद कर देते थे। पुलिस जब बच्ची को बचाने के लिए मदरसे पहुंची तो  उस समय बच्ची एक कपड़ा लपेटे फर्श पर लेटी हुई थी या किसी निर्जीव वस्तु की तरह पड़ी हुई थी।

कहीं बाबा तो कहीं मौलवी, कहीं मंदिर तो कहीं मदरसा, हर बार ये दुष्कर्मी हर मज़हब को, हर पवित्र जगह को शर्मसार करते हैं। लेकिन दुःख की बात ये है कि लोगों को ये तो दिख जाता है लेकिन किसी मासूम की जिंदगी किस तरह बर्बाद हुई है, ये नहीं दिख पाता।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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