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नेशनल

इस चाय वाले ने वो कर दिखाया जो मोदी जी भी नहीं कर पाए, लगा है बधाईयों का तांता

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जयपुर। मोदी जी कहते हैं कि वो पहले चाय बेचा करते थे। आज वो देश के प्रधानमंत्री हैं। लोग उन्हें प्रेरणा का एक स्रोत मानते हैं। लेकिन जैसलमेर में एक चायवाला और है, जिसने वो कर दिखाया है जो मोदी जी ने भी नहीं किया। अब आप सोचेंगे कि देश के प्रधामंत्री बनने से बड़ा क्या हो सकता है? जैसलमेर के इस लड़के ने, जिसके पिता चाय बेचते हैं, UPSC की परीक्षा टॉप की है और IAS अधिकारी का पद हासिल किया है। हालाँकि पदों की तुलना में प्रधानमंत्री का पद बहुत बड़ा होता है, लेकिन योग्यता दोनों पदों का फ़र्क साफ़ कर देती है।

राजस्थान के जैसलमेर निवासी देशलदान ने आईएएस में 82वीं रैंक हासिल कर अपने घर-परिवार और जिले का नाम रोशन किया है। देशलदान के पिता चाय बेचते है। बचपन से ही देशलदान पढ़ाई में अव्वल था। आर्थिक मुश्किलों के बावजूद उसके पिता ने ब्याज पर पैसे लेकर भी उसकी पढ़ाई को जारी रखी। अब वह मेहनत सफल हो गई है। यूपीएससी सिविल सर्विस 2017 के परिणामों में जैसलमेर निवासी देशलदान का चयन हुआ है। उन्होंने 82वीं रैंक हासिल की है। पूर्व में उनका चयन आईएफएस में भी हो चुका है।

देशलदान के आईएएस चयन की ख़बर मिलते ही उनके घर-परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है और उत्सव जैसा माहौल है। घर पर लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा है। देशलदान के पिता कुशलदान की चाय की दुकान जैसलमेर के चुंगी नाका चैराहे पर है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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