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एक महिला जिसने परिवार के सामने प्रेमी को चुना और परिवार को सुला दी मौत की नींद
केरल। कहा जाता है कि प्यार अँधा होता है। लेकिन इतना अँधा भी नहीं होता कि किसी की जिंदगी की कीमत ही भूल जाए। ऐसा ही कुछ देखने को मिला उत्तरी केरल में जहाँ एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। महिला पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर अपने प्रेमी के साथ नई जिंदगी बसाने के लिए अपने माता-पिता और बेटी की हत्या कर दी।
पुलिस का कहना है कि उत्तरी केरल की रहने वाली पीके सौम्या को अस्पताल में मितली और अपच के लिए भर्ती किया गया था। यही लक्षण उसके माता-पिता और बेटी के भी मृत्यु से पहले थे। जांच टीम का कहना है कि वह अस्पताल में इसलिए भर्ती हुई ताकि किसी को उस पर शक न हो। सौम्या ने बताया कि जब उसकी बेटी की हत्या पर किसी का ध्यान नहीं गया तो उसकी हिम्मत बढ़ गई थी और उसने माता-पिता की भी हत्या कर दी। अपने बयान में सौम्या ने बताया कि उसकी छह वर्षीय बेटी ईश्वर्या को उसके प्रेम संबंध का पता चल गया था और उसने अपने नाना-नानी को इस बारे में बता दिया था।
कन्नूर के डिप्टी एसपी पीपी सदानंदन ने बताया कि लम्बी पूछताछ में सौम्या ने अपने गुनाह को स्वीकार लिया है। थलासेरी की सत्र अदालत ने बुधवार को सौम्या को चार दिन की पुलिस की हिरासत में सौंप दिया।
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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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