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आध्यात्म

जगद्गुरु कृपालु परिषत ने 5000 विद्यार्थियों को बांटी रोज इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं

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आज जगद्गुरु कृपालु परिषत-श्यामा श्याम धाम द्वारा 5000 से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए रोज प्रयोग में आने वाली वस्तुएं बांटी गईं। जो जेकेपी (जगद्गुरु कृपालु परिषत) की अध्यक्षाओं के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।

इस वितरण कार्यक्रम में जगद्गुरु कृपालु परिषत की अध्यक्षाओं डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी ने स्वयं अपने हाथों से 5000 छात्र-छात्राओं को भोजन रखने वाला हॉटकेस, स्टील का डिब्बा, थाली एवं मिठाई व बिस्कुट इत्यादि प्रदान किये गये। विद्यार्थियों के साथ वितरण कार्यक्रम में आये शिक्षकों को भी उपर्युक्त सामग्री के साथ-साथ एक-एक छाता भी प्रदान किया गया।

 

समाज के निर्धन व अभावग्रस्त वर्ग की दैनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये एवं उनके जीवन को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिये जगद्गुरु कृपालु परिषत की अध्यक्षाओं द्वारा अथक प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष में अनेक बार अनेकानेक प्रकार से विभिन्न वितरण कार्यक्रमों के माध्यम से वे उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहयोग प्रदान कर रही हैं।

कुछ ही दिन पहले 8 अप्रैल 2018 को भक्ति-धाम-मनगढ़ में एवं 20 अप्रैल 2018 को जनपद मथुरा के बरसाना क्षेत्र में स्थित रँगीली महल में भी इसी प्रकार के वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें क्रमशः 8000 एवं 6000 छात्र-छात्रायें लाभान्वित हुये।

आध्यात्म

होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त

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नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।

फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

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