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आसाराम के बेटे नारायण साईं की आज कोर्ट में होगी पेशी
पांच वर्षों से जेल में बंद आसाराम को कल आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है। आसाराम का अब पूरा जीवन जेल में ही बीतेगा। इधर आज आसाराम के बेटे नारायण साईं की भी पेशी है।
आप को बता दें, सूरत की दो बहनें आसाराम के अहमदाबाद मोटेरा आश्रम में साधिका के रूप में सेवा देती थी। दोनों बहनों ने सूरत में आसाराम व नारायण के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में नारायण साईं को भी जल्द सजा सुनाई जा सकती है।
बड़ी बहन के आसाराम के खिलाफ दर्ज केस को गांधीनगर स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन छोटी बहन की ओर से नारायण पर लगे मामले में उनकी 4 साल पहले धरपकड़ की गई थी। नारायण चार साल से सूरत की लाजपोर जेल में ही बंद है। उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसके वकील बचाव के लिए अपनी दलील पेश करेंगे।
फरियादी पक्ष की ओर से दलील पूरी हो चुकी है। इसमें नारायण पर अपनी ही साधिका के यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। पीड़िता का परिवार आसाराम का भक्त था तथा उनके कहने पर ही परिजनों ने दोनों युवतियों को आश्रम में सेवादार के रूप में छोड़ने का फैसला किया था, लेकिन आसाराम व नारायण दोनों ने मिलकर उनके साथ दुष्कर्म किया था। नारायण को सूरत पुलिस ने बड़ी मुश्किल से हरियाणा-दिल्ली बार्डर से गिरफ्तार किया था। उसे पकड़ने के लिए गुजरात पुलिस की 58 टीमें जुटी थीं। सूरत के इस पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा दी गई है। उन्हें कई बार आसाराम आश्रम व सेवादारों की ओर से धमकियां मिल चुकी हैं।
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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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