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नेशनल

आजादी नहीं जेल चाहता था आसाराम, हैरान कर देने वाला वीडियो हुआ वायरल

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आसाराम

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नई दिल्ली। आसाराम रेप केस में बुधवार को अदालत का फैसला आ गया। कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दे दिया है। नाबालिग लड़की से तंत्र-मंत्र के बहाने बलात्कार करने का आरोपी आसाराम 2013 से जेल में बंद है। इससे पहले जज अपना फैसला सुनाने के लिए जोधपुर जेल पहुंचे। खबर है कि जैसे ही जज ने आसाराम को दोषी करार दिया आसाराम ठहाके मारकर हंसने लगा। लेकिन इसके बाद आसाराम अपने वकीलों को कुछ बोलने के लिए धक्का देने लगा।

जेल

साभार इंटरनेट

आसाराम ने अपने वकील से कहा, ‘कुछ तो बोलो।’ दोषी करार दिए जाने के बाद एक बात तो तय है कि आसाराम की आगे की जिंदगी जेल में ही कटने वाली है। सजा का ऐलान होने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि आसाराम को और कितने दिन जेल में गुजारने हैं। इसी बीच आसाराम का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह अपनी इच्छा बताता हुआ नजर आ रहा है।

जेल

साभार इंटरनेट

वीडियो में आसाराम कह रहा है, ‘भगवान देर सवेर उसकी बात सुन लेते हैं। उसका संकल्प हो रहा है कि वहा जेल जाए।’ आसाराम को दोषी करार देते ही यह वीडियो इंटरनेट पर तेजी से शेयर किया जाने लगा है। माना जा रहा है कि कुछ ही देर में आसाराम की सजा का ऐलान हो सकता है।

आप भी देखिए आसाराम का यह वीडियो

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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