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प्रादेशिक

बच्ची से ‘शेर’ ने किया दुष्कर्म

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उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के थाना बन्नादेवी क्षेत्र के सारसौल में साईं बिहार कॉलोनी में देवी जागरण के दौरान ‘मां दुर्गा’ बनी एक 12 साल की बच्ची के साथ मंच पर ‘शेर’ का किरदार निभा रहे एक नाबालिग लड़के ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने उसे घटना के दूसरे दिन गिरफ्तार कर लिया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार पांडेय ने मंगलवार को बताया, थाना बन्नादेवी क्षेत्र के सारसौल में रविवार रात एक सरकारी कर्मचारी ने अपने घर में देवी जागरण कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में क्वार्सी क्षेत्र से उसका भाई अपनी पत्नी, बेटे और 12 साल की बेटी के साथ शिरकत करने आया हुआ था। देवी जागरण में 12 साल की बच्ची को ‘मां’ के रूप में सजाया गया और एक नाबालिग लड़के को ‘शेर’ का किरदार निभाने के लिए तैयार किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पांडेय ने बताया, जब मां दुर्गा की झांकी का समापन हुआ, तब शेर का किरदार अदा कर रहे नाबालिग लड़के ने बच्ची को दूसरी झांकी के लिए तैयार करने के बहाने दूसरे घर में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

एसएसपी ने बताया कि इस घटना की प्राथमिकी सोमवार को पीड़िता के पिता की तहरीर पर दर्ज कर आरोपी नाबालिग को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि चिकित्सा जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।

इनपुट आईएएनएस

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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