अन्तर्राष्ट्रीय
रिजर्व बैंक का यह पूर्व गवर्नर बन सकता है इंग्लैंड की सबसे बड़ी बैंक का प्रमुख
खबर है कि मोदी सरकार के नोटबंदी वाले कदम से असहमति जताने वाले रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन बैंक ऑफ इंग्लैड का सर्वोच्च पद संभाल सकते हैं। ब्रिटेन के अखबार फायनेंशल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के संभावित दावेदार के तौर पर राजन का नाम आया है। फिलहाल, कनाडा में जन्मे मार्क कार्ने बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर हैं उनका कार्यकाल जून 2019 में पूरा होने वाला है। ब्रिटिश चांसलर फिलिप हैमंड बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर मार्के कार्ने की जगह 2019 में नए गवर्नर की चयन प्रक्रिया की शुरूआत कर रहे हैं।
रघुराम राजन इस समय शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं। वह सितंबर 2013 से लेकर सितंबर 2016 तक आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं। इससे पहले भी राजन के नाम की चर्चा अमेरिका के यूएस फेडरल रिजर्व बैंक के प्रमुख के दावेदार के रूप में हुई थी। पिछले साल अक्टूबर में फाइनेंशल मैगजीन बैरन्स ने इसका जिक्र किया था।
रघुराम राजन अंतरराष्ट्रीय ख्याति के अर्थशास्त्री हैं। इससे पहले वह अक्टूबर 2003 से दिसंबर 2006 तक इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड या आईएमएफ के चीफ इकॉनमिस्ट रह चुके हैं। राजन उस समय वैश्विक स्तर पर चर्चा में आए थे जब उन्होंने यूएस फेडरल रिजर्व के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमेरिका को भावी आर्थिक संकट से आगाह किया था। उस समय तो उनके विचारों की आलोचना हुई थी लेकिन बाद में जब उनके कहे मुताबिक घटनाएं घटीं तो उनके आलोचकों का मुंह बंद हो गया।
भारत में भी रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में उनका तीन साल का कार्यकाल काफी चर्चित रहा। राजन अपने दिल की बात कहने में नहीं चूकते थे। मेक इन इंडिया प्रोग्राम, वित्तीय नीतियों और बैंकिंग सेक्टर में सुधार जैसे मसलों पर उनकी स्पष्टवादिता की वजह से कई बार सरकार के सामने असमंजस की स्थिति आई थी।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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