प्रादेशिक
युवाओं को सरकार का तोहफा, मिल रहे हैं 20 से 25 लाख रुपए!
युवाओं के लिए खुशखबरी है। सरकार युवाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिक्षित बेरोजगारों को खुद के रोजगार के लिए 25 लाख रुपए तक का लोन दे रही है।
इस परियोजना में लागत का 25% मार्जिन मनी के रुप में उपल्बध कराया जाएगा, जिसे उद्यम के 2 वर्षों तक सफल संचालन के बाद अनुदान में परिवर्तित कर दिया जाएगा। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को इस परियोजना के लागत का 10% SC/ST तथा OBC व अल्पसंख्यक, महिला एवं PH अभ्यर्थियों के लिए इसका 5% अंशदान जमा करना होगा।
इस योजना का लाभ 10 से 40 वर्ष की आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति ले सकता है, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता हाईस्कूल अथवा समकक्ष परीक्षा निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही आवेदक किसी भी सरकारी बैंक अथवा संस्था से डिफाल्टर घोषित नहीं होना चाहिए। यदि किसी ने इस योजना के समकक्ष जैसे प्रधानमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का लाभ लिया है तो उसे इस योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए कम धनराशि वाले परियोजना को वरीयता दी जाएगी। इस योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 मई 2018 निर्धारित की गई है। योजना की डिटेल जानने के लिए जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र से संपर्क किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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