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प्रादेशिक

मप्र : राज्यपाल के खिलाफ प्राथमिकी पर एसटीएफ को नोटिस

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जबलपुर | मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे विशेष कार्यदल (एसटीएफ ) द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने को चुनौती देने वाली राज्यपाल रामनरेश यादव की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने एसटीएफ और एसआईटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर और न्यायाधीश आलोक अराधे की युगलपीठ ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ ) और विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी। साथ ही एटार्नी सॉलिसिटर से राय भी मांगी है।

राज्यपाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी व वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी ने सोमवार को युगलपीठ के समक्ष अपना पक्ष रखा। त्रिवेदी ने बताया कि संविधान की धारा 361(एक) व (दो) का उल्लेख करते हुए याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति व राज्यपाल के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती और उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही एजेंसी एसटीएफ ने 24 फरवरी, 2015 को प्रदेश के राज्यपाल के खिलाफ वनरक्षक भर्ती (2013) मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। याचिका में कहा गया है कि प्राथमिकी दर्ज कराना राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। भारतीय दंड विधान की धारा 157 में प्रावधान है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाता है तो 24 घंटों के भीतर इस संबंध में न्यायालय को अवगत कराया जाए और तभी से आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू हो जाती है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि वनरक्षक भर्ती-2013 के मामले में एसटीएफ ने पहले से अपराध दर्ज कर रखा है। एसटीएफ ने इसी मामले में हाल ही में एक और प्रकरण दर्ज किया है। इसमें राज्यपाल, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, खनन कारोबारी सुधीर शर्मा सहित व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. पंकज त्रिवेदी व सीनियर सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्र सहित 101 नामजद सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर डॉ. पंकज त्रिवेदी व नितिन महिंद्र के बयान व उनके पास मिले दस्तावेज के आधार पर दर्ज की गई है। राज्यपाल पर आरोप है कि उन्होंने पांच अभ्यिर्थियों के नामों की सिफारिश की थी। इस मामले में डॉ. पंकज त्रिवेदी व नितिन महिंद्र विगत दो वर्षो से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि जांच की निगरानी कर रही एसआईटी के समक्ष कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने साक्ष्यों के साथ एक शिकायत प्रस्तुत की है, जिसमें कहा गया है कि ओरिजनल एक्सेलशीट में 45 जगह सिफारिशकर्ता के रूप में ‘मुख्यमंत्री’ लिखा गया है। मगर बाद में तैयार की गई एक्सेलशीट में एक जगह राजभवन और सात जगह उमा भारती के नाम का प्रयोग किया गया है।

इसके अलावा प्रकाश पांडे नामक एक व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर असली एक्सलेशीट उसके पास होने का दावा किया है। याचिका में मांग की गई है कि राज्यपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए। याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों के संबंध में पक्ष रखने के लिए युगलपीठ से समय प्रदान करने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों एसआईटी और एसटीएफ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युगलपीठ ने एसटीएफ को भी निर्देशित किया है कि कार्रवाई के दौरान राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों का किसी भी तरह हनन नहीं होना चाहिए।

उत्तर प्रदेश

फतेहपुर सीकरी में बोले सीएम योगी- माफिया की कब्र पर फातिहा पढ़ने वालों को वोट के लिए तरसा दीजिए

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फतेहपुर सीकरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार चाहर के समर्थन जनता को संबोधित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसभा में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का अभिवादन कर अपने संबोधन की शुरुआत की।

इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस-सपा और बसपा पर जोरदार हमला बोला है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस सपा और बसपा ने गरीबों के हकों पर डाका डालते थे इसलिये जनधन अकाउंट नहीं खोलने देते थे। ये लोग जनता को रसोई गैस के लिए तरसाते थे। किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर थे क्योंकि किसान सम्मान निधि जैसी कोई योजना नहीं थी। गरीब सर्दी में ठिठुरने के लिए मजबूर होता था और बरसात मे भूखा सो जाता था। सीएम योगी ने केंद्र सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि चार करोड़ गरीबों को मकान मिल गए। 12 करोड़ किसानो को किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है। दस करोड़ परिवारों को उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस का कनेक्शन मिला है।

योगी आदित्यनाथ ने रैली में कहा, “ब्रजभूमि का नंबर आने वाला है। अयोध्या और काशी ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है। अब बारी ‘ब्रजभूमि’ की है। अब विकास के लिए आपको कोई तरसाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। अब आगरा में भी एयरपोर्ट बन रहा है। आपने देखा होगा राम नवमी के दिन भगवान राम सूर्य तिलक हुआ था। एक तरफ कांग्रेस, सपा, बसपा थी, राम जन्मभूमि के लिए कहते थे कि क्या सबूत है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ। इन दलों ने कहा था राम और कृष्ण तो हैं ही नहीं। जैसे की इस सृष्टि से पहले कांग्रेस, सपा और बसपा ही पैदा हो गए थे बाकी तो कोई हुआ ही नहीं था। कांग्रेस, सपा और बसपा के लोग गरीबों के हकों पर डकैती डालते थे, इसलिए जनधन अकाउंट नहीं खुलने देते थे। जब आपको मौका मिला तब आपने कुछ किया नहीं। जब मौका मिला, ये माफिया और अपराधी को अपने गले का हार बनाकर प्रदेश के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस,सपा, बसपा, देख रहे हैं न, सभी लोग माफिया की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ रहे हैं। इनको बोलो कि जाओ वोट तो कमल निशान को जाएगा। तुमलोगों को पांच साल की छुट्टी दे रहे हैं फतिहा पढ़ो खूब।” आदित्यनाथ ने कहा, “अगर आप विरासत का सम्मान करते हैं तो जिन लोगों ने राम और कृष्ण पर प्रश्न खड़े किए थे आप उनको वोट के लिए तरसा दीजिए। जिन्होंने विकास की योजनाओं के लिए आपको तरसाया था, गंगा जल के लिए आपको तरसाया था। उनको वोट के लिए तरसा दीजिए।” उन्होंने कहा, “जातिवाद के नाम पर बांटने वाले लोग देश को कमजोर करना चाहते हैं। इन लोगों से सावधान रहिए। देखो अयोध्या में राम लला का दर्शन करवा रहे हैं तो माफिया और अपराधी का राम नाम सत्य भी करवा रहे हैं। दोनों काम एक साथ चल रहा है।”

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